Important Posts

Advertisement

भास्कर संवाददाता| नसरुल्लागंज आदर्श आचार संहिता इस समय प्रभावशील है। इसके बाद भी जनपद शिक्षा केंद्र के स्त्रोत समन्वयक ने बिना वरिष्ठ अधिकारियों के मार्गदर्शन लिए ही बीएसी के पद भरे होने के बावजूद एक जूनियर शिक्षक को बीएसी पद पर नियुक्त करने के निर्देश दे दिए। इस आदेश के बाद से शिक्षा विभाग में भूचाल आ गया। जबकि बीएसी की नियुक्ति का अधिकार बिना वरिष्ठ अधिकारी के नहीं किया जा सकता। इस बात का ज्ञान होने के बावजूद दबंगई से नव नियुक्त प्रभार लेकर बीआरसी बने रामगोपाल धावरे ने स्वयं ही आचार संहिता का उल्लंघन कर दिया। लोकसभा चुनाव को लेकर नव नियुक्त बीआरसी रामगोपाल धावरे ने माध्यमिक शाला इटावाखुर्द के प्राइमरी स्कूल के शिक्षक मोहम्मद शफी खान को पत्र जारी कर निर्देशित किया कि वर्तमान में कार्यालय में बीएसी का पद रिक्त होने के चलते कार्यालयीन कार्य समय-सीमा में निष्पादित नहीं हो पा रहे हैं। उन्होंने आगामी आदेश तक शिक्षक को निर्देश दिए कि वह उनकी उपस्थिति जनपद शिक्षा केंद्र में बीएसी पद के दायित्वों के साथ सुनिश्चित करें। बीएसी के सभी पद भरे हैं, कैसे हो सकती है नियुक्ति:जनपद शिक्षा केंद्र में वर्तमान में 5 बीएसी के पद हैं जो भरे हुए हैं। इसके बावजूद बीआरसी ने छठे बीएसी की नियुक्ति के निर्देश दे दिए। वर्तमान में जनपद शिक्षा केंद्र में बीएसी के पद पर रामगोपाल धावरे के अतिरिक्त प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ बीएसी प्रेम किशोर पंवार, संतोष धनवारे, संतोष धुर्वे व बलराम पंवार पदस्थ हैं। इसके अतिरिक्त बीआरसी की नियुक्ति पर सवाल उठ रहे हैं। इस संबंध में डीपीसी अनिल कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि बीएसी की नियुक्ति के अधिकार बीआरसी को नहीं हैं। वहीं आचार संहिता में इस प्रकार का कृत्य करना गलत है, जिसकी जानकारी संपूर्ण दस्तावेज बुलाकर की जाएगी। साथ ही बीआरसी की नियुक्ति के संबंध में जो जानकारी आपने दी है इसकी भी जांच की जाएगी।

...

UPTET news

Facebook