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मध्य प्रदेश में OBC आरक्षण बढ़ाने पर हाईकोर्ट की रोक

नई दिल्ली/ टीम डिजिटल। मध्य प्रदेश सरकार द्वारा हाल ही में अध्यादेश जारी कर अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) का आरक्षण 14 प्रतिशत से बढ़ाकर 27 प्रतिशत किये जाने पर मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय ने मंगलवार को अंतरिम रोक लगा दी।
इससे मध्य प्रदेश की कांग्रेस नीत कमलनाथ सरकार को अप्रैल-मई में होने वाले लोकसभा चुनाव से ठीक पहले झटका लगा है।
जबलपुर निवासी अॢपता दुबे, भोपाल निवासी सुमन सिंह व एक अन्य की तरफ से दायर की गयी याचिका की सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति आरएस झा तथा न्यायमूर्ति संजय द्विवेदी की युगलपीठ ने मध्य प्रदेश सरकार द्वारा OBC के आरक्षण को 14 प्रतिशत से बढ़ाकर 27 प्रतिशत किये जाने के आदेश के क्रियान्वयन पर रोक लगा दी है।
याचिकाकर्ताओं की तरफ से पैरवी कर रहे अधिवक्ता आदित्य संघी ने बताया कि अदालत ने इस मामले में मध्यप्रदेश चिकित्सा शिक्षा निदेशक एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव को नोटिस जारी कर दो हफ्ते के अंदर जवाब भी मांगा है।
उन्होंने कहा कि अदालत ने स्पष्ट किया है कि प्रदेश में OBC आरक्षण पहले की तरह 14 प्रतिशत लागू रहेगा। 14 प्रतिशत से अधिक आरक्षण पर ही रोक लगाई गई है। प्रदेश सरकार ने इसी साल 8 मार्च को अनुसूचित जाति, जनजाति एवं अन्य पिछड़े वर्ग के लिए आरक्षण संबंधित एक अध्यादेश जारी किया था।
जिसके अनुसार पिछड़ा वर्ग के लिए निर्धारित 14 प्रतिशत आरक्षण को बढ़ाकर 27 प्रतिशत कर दिया था। पिछड़े वर्ग के लिए निर्धारित आरक्षण में बढ़ोतरी को असंवैधानिक बताते हुए उक्त याचिकाएं दायर की गयी थीं। संघी ने युगल पीठ को बताया कि वर्तमान में एससी वर्ग के लिए 16 प्रतिशत तथा एसटी वर्ग के लिए 20 प्रतिशत आरक्षण है।

OBC वर्ग के लिए 14 प्रतिशत आरक्षण था, जिसे प्रदेश सरकार ने बढ़ाकर 27 प्रतिशत कर दिया है। इस प्रकार कुल आरक्षण का प्रतिशत 63 प्रतिशत पहुंच जाएगा। सर्वोच्च न्यायालय के आदेश का हवाला देते हुए उन्होंने युगल पीठ को बताया कि किसी भी स्थिति में कुल आरक्षण 50 प्रतिशत से अधिक नहीं होना चाहिए। 

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