छिंदवाड़ा। जिले में तबादलों का दौर जारी है, लेकिन आदिवासी विकास विभाग
में तो हालत ये है कि सीनियर शिक्षक ही तारीख की फेरबदल के कारण जूनियर हो
गया है। जिसके कारण वो न सिर्फ जूनियर हो गया बल्कि अतिशेष की सूची में आ
गया है।
ऐसे में शिक्षकों ने आरोप लगाया है कि लेन-देन के चलते यह गड़बड़ी की गई है। बिछुआ विकासखंड के शिक्षकों को सोशल मीडिया के माध्यम से मैसेज मिला कि आपको अतिशेष शिक्षकों की श्रेणी में रखा गया है। इसकी काउंसलिंग छिंदवाड़ा के कन्या शिक्षा परिसर में है। आदेश सुनते ही शिक्षकों के होश उड़ गए. छिंदवाड़ा पहुंचे शिक्षकों ने नारेबाजी करते हुए इसका विरोध किया। दरअसल शिक्षा विभाग में 30 बच्चों पर एक शिक्षक का औसत तय किया गया है। इस हिसाब से अगर बच्चों की औसत संख्या से ज्यादा शिक्षक हैं, तो उन्हें अतिशेष श्रेणी में लाकर कम शिक्षकों वाले स्कूल में पदस्थ किया जाता है। शिक्षक रूपेश पाल के मुताबिक उनकी ज्वाइनिंग तिथि 16- जनवरी-2007 है, लेकिन उन्हें अतिशेष शिक्षक की श्रेणी में लाने के लिए विभाग ने उनकी ज्वाइनिंग तिथि 16-10-2007 कर दी है। उन्हें जूनियर बनाकर अतिशेष शिक्षक बना दिया गया है। ऐसे ही और कई शिक्षक हैं, जिनकी ज्वाइनिंग तिथि में बदलाव किया गया है।
इनका कहना है
मुझे इस मामले में जानकारी नहीं है, मामले की जानकारी जुटाई जाएगी। अगर कोई गड़बड़ी है तो उसे सुधारा जाएगा।
सीके दुबे, सहायक आयुक्त आदिवासी विकास विभाग
ऐसे में शिक्षकों ने आरोप लगाया है कि लेन-देन के चलते यह गड़बड़ी की गई है। बिछुआ विकासखंड के शिक्षकों को सोशल मीडिया के माध्यम से मैसेज मिला कि आपको अतिशेष शिक्षकों की श्रेणी में रखा गया है। इसकी काउंसलिंग छिंदवाड़ा के कन्या शिक्षा परिसर में है। आदेश सुनते ही शिक्षकों के होश उड़ गए. छिंदवाड़ा पहुंचे शिक्षकों ने नारेबाजी करते हुए इसका विरोध किया। दरअसल शिक्षा विभाग में 30 बच्चों पर एक शिक्षक का औसत तय किया गया है। इस हिसाब से अगर बच्चों की औसत संख्या से ज्यादा शिक्षक हैं, तो उन्हें अतिशेष श्रेणी में लाकर कम शिक्षकों वाले स्कूल में पदस्थ किया जाता है। शिक्षक रूपेश पाल के मुताबिक उनकी ज्वाइनिंग तिथि 16- जनवरी-2007 है, लेकिन उन्हें अतिशेष शिक्षक की श्रेणी में लाने के लिए विभाग ने उनकी ज्वाइनिंग तिथि 16-10-2007 कर दी है। उन्हें जूनियर बनाकर अतिशेष शिक्षक बना दिया गया है। ऐसे ही और कई शिक्षक हैं, जिनकी ज्वाइनिंग तिथि में बदलाव किया गया है।
मुझे इस मामले में जानकारी नहीं है, मामले की जानकारी जुटाई जाएगी। अगर कोई गड़बड़ी है तो उसे सुधारा जाएगा।
सीके दुबे, सहायक आयुक्त आदिवासी विकास विभाग