भोपाल |सरकारी स्कूलों में अध्यापकों की पदस्थापना के लिए विभाग काे अब
स्थानीय निकायों की एनअाेसी की जरूरत नहीं पड़ेगी। इसकी वजह यह है कि
नियमित शिक्षक अाैर अध्यापकों की गिनती एक ही कैडर में हाेगी। नए कैडर मप्र
राज्य स्कूल शिक्षा सेवा के लागू हाेने से अध्यापक भी अब सरकारी कर्मचारी
की श्रेणी में अा गए हैं। इसके बाद विभाग ने स्कूलों में खाली पदाें की
सूची तैयार की है।
जिले में हाई व हायर सेकंडरी स्कूलों में विषयवार खाली पड़े पदाें का ब्याेरा विभाग काे विभाग काे भेजा गया है। संचालनालय लाेक शिक्षण ने संयुक्त संचालकाें एवं जिला शिक्षा अधिकारियाें काे खाली पदाें एवं अतिथि शिक्षकाें के बारे में 25 मार्च तक जानकारी मांगी थी। इसकी जानकारी इकट्ठी करने के लिए कवायद की गई ताे जिले में सबसे ज्यादा अंग्रेजी, गणित अाैर कैमिस्ट्री विषय के शिक्षकाें के खाली पद हाेने की बात सामने अाई। इन पदाें पर अध्यापकाें काे भी पदस्थ किया जाएगा। 2007 में लागू हुए अध्यापक कैडर में अध्यापक स्थानीय निकायाें जनपद पंचायताें,नगर पालिकाअाें, जिला पंचायताें के अधीन कर्मचारी कहलाते थे। डीईअाे धर्मेंद्र शर्मा ने बताया कि इन्हें अन्य स्कूलाें में पदस्थ करने से पहले स्कूल शिक्षा विभाग काे इन निकायाें से एनअाेसी लेना पड़ता था। अब इसकी जरुरत नहीं पड़ेगी। िजले में 62 हायर सेकंडरी स्कूल, 54 हाईस्कूल हैं।
जिले में हाई व हायर सेकंडरी स्कूलों में विषयवार खाली पड़े पदाें का ब्याेरा विभाग काे विभाग काे भेजा गया है। संचालनालय लाेक शिक्षण ने संयुक्त संचालकाें एवं जिला शिक्षा अधिकारियाें काे खाली पदाें एवं अतिथि शिक्षकाें के बारे में 25 मार्च तक जानकारी मांगी थी। इसकी जानकारी इकट्ठी करने के लिए कवायद की गई ताे जिले में सबसे ज्यादा अंग्रेजी, गणित अाैर कैमिस्ट्री विषय के शिक्षकाें के खाली पद हाेने की बात सामने अाई। इन पदाें पर अध्यापकाें काे भी पदस्थ किया जाएगा। 2007 में लागू हुए अध्यापक कैडर में अध्यापक स्थानीय निकायाें जनपद पंचायताें,नगर पालिकाअाें, जिला पंचायताें के अधीन कर्मचारी कहलाते थे। डीईअाे धर्मेंद्र शर्मा ने बताया कि इन्हें अन्य स्कूलाें में पदस्थ करने से पहले स्कूल शिक्षा विभाग काे इन निकायाें से एनअाेसी लेना पड़ता था। अब इसकी जरुरत नहीं पड़ेगी। िजले में 62 हायर सेकंडरी स्कूल, 54 हाईस्कूल हैं।