जबलपुर. सरकारी विभागों में अनुकंपा नियुक्तियों का
प्रावधान है पर इसके लिए प्राय: अधिकारियों की हीला-हवाली सामने आती है।
ऐसे ही एक मामले में मप्र हाईकोर्ट ने अहम फैसला सुनाया है।
मध्यप्रदेश
हाईकोर्ट ने यह फैसला एक याचिका पर सुनवाई के बाद सुनाया है। अनुकंपा
नियुक्ति का यह मामला स्कूल शिक्षा विभाग से संबंधित है। इस याचिका के
अनुसार सरकार ने पहले याचिकाकर्ता को डीएड कर लेने पर नौकरी देने का
आश्वासन दिया था। इसके तारतम्य में ही उसने यह शिक्षा हासिल की लेकिन इसके
बाद भी उसे नौकरी नहीं दी गई।
डीएड कर लिया, अब दो महीने में दो नियुक्ति
मप्र
हाईकोर्ट ने राज्य सरकार व स्कूल शिक्षा विभाग को निर्देश दिए हैं कि
दिवंगत शिक्षा कर्मी के पुत्र को डीएड उत्तीर्ण कर लेने पर दो माह के अंदर
अनुकंपा नियुक्ति दी जाए। जस्टिस संजय द्विवेदी की सिंगल बेंच ने कहा कि
सरकार ने पहले याचिकाकर्ता को डीएड कर लेने पर नौकरी देने का आश्वासन दिया
था। इसके तारतम्य में ही उसने यह शिक्षा हासिल की।
यह है मामला
टीकमगढ़ जिला निवासी दिनेश कुमार
ने याचिका दायर कर कहा कि उसके पिता स्कूल शिक्षा विभाग में शिक्षा कर्मी
वर्ग 3 के पद पर पदस्थ थे। 2008 में उनकी सेवाकाल के दौरान मृत्यु हो गई।
अधिवक्ता ब्रह्मानंद पांडे ने कोर्ट को बताया कि याचिकाकर्ता ने अनुकंपा
नियुक्ति के लिए सरकार को आवेदन दिया। लेकिन इसे यह कहते हुए निरस्त कर
दिया गया कि आवेदक ने डीएड डिप्लोमा हासिल नहीं किया।
हाईकोर्ट का निर्देश
यह भी कहा गया कि डीएड
करने पर उसे अनुकंपा नियुक्ति दे दी जाएगी। डीएड कर लेने के बाद उसने
नियुक्ति के लिए आवेदन दिया। लेकिन इस पर भी अभी तक कोई फैसलाा नहीं लिया
गया। अंतिम सुनवाई के बाद कोर्ट ने सरकार को कहा कि आवेदन निरस्त करते समय
जो शर्त रखी गई थी, वह आवेदक पूरी कर चुका है। लिहाजा 60 दिन के अंदर उसे
अनुकंपा नियुक्ति प्रदान करने की कार्रवाई पूरी
की जाए।