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स्कूल छोड़ एमपी ऑनलाइन पर ई-सर्विस बुक भराने में जुटे अध्यापक

सीहोर. जिले के अध्यापक इस समय स्कूल छोड़ ऑनलाइन पर इ-सर्विस बुक भराने में जुटे हैं। इससे स्कूल में पढ़ाई प्रभावित हो रही है। पेचीदा प्रक्रिया के साथ ही ४१ बिंदु की इ-सर्विस बुक भरने शिक्षकों को जेब से तीन सौ से चार सौ रुपए खर्च करने पड़ रहे हैं।
इ-सर्विस बुक नहीं भरने पर वेतन रोकने की चेतावनी से भी अध्यापकों में आक्रोश है। अध्यापकों का कहना है कि सर्विस बुक में वचन पत्र भी भरवाया जा रहा है, जिसमें सेवा शर्तों का स्पष्ट उल्लेख नहीं है। इधर शिक्षक संगठनों ने इ-सर्विस बुक भरने के हिटलरी विकल्प और घोषणा पत्रों की होली जलाने की बात कही है।


अध्यापकों का संविलियन शिक्षा विभाग में करने का शासन ने आदेश जारी किया है। इसके साथ अध्यापकों की ऑनलाइन जानकारी शासन को भेजने का कार्य पहले संकुल केंद्रों को दिया था, लेकिन इस आदेश के बाद भी जब संकुल केंद्रों ने जानकारी ऑनलाइन नहीं भेजी तो अधिकारियों ने ऑनलाइन जानकारी भेजने की जिम्मेदारी अध्यापकों पर ही डाल दी।
ऑनलाइन जानकारी भरने के लिए ऑनलाइन सेंटर्स पर भीड़ लगी हुई है। सर्वर भी डाउन चल रहा है। ४१ बिंदुओं की जानकारी में से ३८ बिंदु संकुल में होने के बाद भी अध्यापकों से दोबारा जानकारी ऑनलाइन पर भरवाई जा रही है। आजाद अध्यापक संघ के जिलाध्यक्ष राजेन्द्र सिंह सिसौदिया ने कहा कि इ-सर्विस बुक के ऑनलाइन जमा कराने के नाम पर सरकार अध्यापकों के साथ छलावा कर रही है।

इ-सर्विस बुक भरने का काम मूलत: संकुलों का है, इसे अध्यापकों पर थोप दिया गया है।इसी तरह सर्विस बुक के साथ ही वन पत्र भरवाया जा रहा है, जिसमें सेवा शर्तों का उल्लेख नहीं किया गया है।इसके साथ १ जुलाई से नई नियुक्ति कर रहे हैं, जिसमें पुराने भत्तों की मांग नहीं करेंगे, एरियर की मांग नहीं करेंगे, अनुकंपा, बीमा, पेंशन, ग्रेज्युटी, वरिष्ठता का निर्धारण भी नहीं किया जा रहा है।
इससे अभी तक सेवाएं शून्य घोषित हो जाएगी, इसका कोई दिशा निर्देश नहीं है। अध्यापक संघर्ष समिति प्रदेश संयोजक बाबूलाल मालवीय ने कहा कि 1 जुलाई 2018 की स्थिति में इससे अध्यापकों की 20 वर्ष की वरिष्ठता शून्य हो जाएगी। 7 वें वेतनमान का कहीं उल्लेख नहीं है, जिससे वर्तमान वेतन कम होने की आंशका।
पदोन्नति और क्रमोन्नति के बारे मे कुछ भी स्पष्ट नहीं है, जिससे अध्यापकों की 12 वर्ष के बाद जो क्रमोन्नति लगना है, उस पर संदेह के काले बादल छाए हुए हैं। ट्रांसफर का कहीं उल्लेख नहीं है, जिससे अध्यापकों का ट्रांसफर नहीं हो सकेगा। बिना सेवा शर्तों और वेतनमान के विकल्प पत्र और घोषणा पत्र भरवाकर अध्यापकों के हाथ काटे जा रहे है, जिससे न तो वह किसी पुराने बकाया की मांग कर सकें और ना ही वह कोर्ट जा सकते हैं।

जानकारी नहीं भरने पर कहा जा रहा रोक दिया जाएगा वेतन
अध्यापकों ने कहा कि इ-सर्विस बुक नहीं भरने पर वेतन रोकने की चेतावनी दी जा रही है। इससे अध्यापक परेशान हैं। जानकारी भरने की भी ३१ अगस्त अंतिम तिथि बताई जा रही है। इसके कारण ऑनलाइन दुकानों पर शिक्षकों की भीड़ लगी है। अध्यापकों को समझ नहीं आ रहा है। आखिर क्या करें और क्या नहीं करें। ज्ञात रहे कि जिले में करीब पांच हजार अध्यापक शिक्षा विभाग में पदस्थ हैं।इनमें से अभी तक करीब एक हजार अध्यापकों ने इ-सर्विस बुक ऑनलाइन जमा की है।


इ-सर्विस भरने की जवाबदारी अध्यापकों की है। ३१ अगस्त तक इ-सर्विस बुक नहीं भरे जाने की स्थिति में इसके जवाबदार स्वयं अध्यापक होंगे। इ-सर्विस बुक नहीं भरने पर वेतन काटने संबंधी शिक्षा विभाग ने कोई आदेश नहीं दिए हैं।
एसपी त्रिपाठी, डीइओ सीहोर

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