अभियोजन अनुसार मामला वर्ष 2007 से फरवरी 2008 के बीच का है। इस दौरान लोक शिक्षण कार्यालय जिला दतिया में नियुक्तियां हुई थीं। भोपाल स्थित कार्यालय संचालक कौशल किशोर पाण्डे ने 14 फरवरी 2008 को गोविंदपुरा थाने में रिपोर्ट की थी कि दतिया जिले में विभाग में करीब आधा दर्जन लोगों को शिक्षा अधिकारी के पद पर फर्जी नियुक्तियां दी गई हैं।
बेरोजगार युवकों को मुकेश ने जनशिक्षा मिशन में नौकरी दिलाने का झांसा देकर लाखों रुपयों की ठगी की थी। बेरोजगार युवकों को मुकेश ने सीएम शिवराज सिंह चौहान, तत्कालीन शिक्षामंत्री तुकोजीराव पवार, माध्यमिक शिक्षा मंडल आयुक्त एसएन मिश्रा और डायरेक्टर पीएन शर्मा के फर्जी लेटरपेड पर उनके फर्जी हस्ताक्षर कर नियुक्ति पत्र थमा दिए थे।
आरोपित मुकेश इतना शातिर था कि उसने अपने रौब का इस्तेमाल करते हुए कुछ बेरोजगार युवकों को आसपास गांव के स्कूलों में शिक्षा अधिकारी के पद पर ज्वाइनिंग भी करा दी थी। ज्वाइनिंग के बाद जब युवकों को वेतन प्राप्त नहीं हुआ तो बेरोजगार युवक भोपाल स्थित लोक शिक्षण कार्यालय के संचालक संजय त्यागी से मिलने आए थे। उन्होंने संचालक त्यागी को जब उनके नियुक्ति पत्र दिखाए, तो वे फर्जी पाए गए थे। संचालक त्यागी ने इस संबंध में गोविंदपुरा थाने में लिखित रिपोर्ट दर्ज कराई थी। पुलिस ने आरोपित मुकेश कुमार के खिलाफ धोखाधड़ी , जालसाजी, फर्जीवाड़े का अपराध कायम कर मामले का चालान अदालत में पेश किया था।