शिक्षकों कि स्कूलों में उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए शुरू की गई ई-अटेंडेंस को
लेकर उनमें असंतोष बढ़ता जा रहा है.शिक्षकों का कहना है कि इससे उनकी निजता
भंग हो रही हैं वहीं शिक्षक सिस्टम को पूरी तरह अव्यवहारिक बता रहे हैं.
शिक्षक इसके
लिए डबरा के एक शिक्षक का हवाला देते हैं जिसमें उक्त शिक्षक डबरा के एक
स्कूल में मौजूद रहने के बावजूद उसकी जीपीएस पर लोकेशन विदेश यानी
नाइजीरिया बताई गई. शिक्षक कहते हैं कि जब शासन के 64 विभागों में
ई-अटेंडेंस व्यवस्था लागू नहीं है तो सिर्फ शिक्षकों पर ही ई-अटेंडेंस लागू
करने का औचित्य क्या है ?
उनका कहना है कि जो 30 फीसदी शिक्षक निरीक्षण के काम में लगाए गए हैं, वह
अपना काम पूरा नहीं कर पा रहे हैं. इस कारण शिक्षा विभाग शिक्षकों को
परेशान करने के लिए ई अटेंडेंस जैसा कंसेप्ट लाया है.शिक्षकों का यह भी
कहना है कि कई ग्रामीण इलाकों में तो बिजली ही नहीं है तो कई इलाके ऐसे
हैं, जहां मोबाइल टावर काम नहीं करते.वहां ई-अटेंडेंस कैसे संभव होगी.
शिक्षकों ने कहा है कि यदि यह व्यवस्था वापस नहीं ली गई तो वह आंदोलन
करेंगे.वहीं शिक्षा विभाग मानता है कि यह प्रयास शिक्षकों की निजता भंग
करने का नहीं है बल्कि उनकी नियमित रूप से स्कूल में उपस्थिति के लिए लागू
किया गया है.