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शिक्षकों की कमी से परेशान बच्चों ने किया सत्याग्रह, 4 घंटे तक नहीं खोलने दिया ताला

स्कूल में शिक्षकों की व्यवस्था नहीं होने से परेशान हाई स्कूल देहरी जागीर के बच्चों ने मंगलवार को सत्याग्रह का रास्ता अपनाया। उन्होंने 4 घंटे तक स्कूल का गेट शिक्षकों को नहीं खोलने दिया।
सरपंच और ग्रामीण भी उन्हें मनाने पहुंचे लेकिन वे अधिकारियों को मौके पर बुलाने पर अड़े रहे। 2.30 बजे जब बीईओ स्कूल पहुंचे और उन्होंने बच्चों को समझाइश दी तब जाकर स्कूल का ताला खुल सका।

हाई स्कूल देहरी में पदस्थ चार शिक्षक मंगलवार सुबह 10.30 पर जब स्कूल में पहुंचे तो बच्चे बाहर खड़े हुए थे। जैसे ही शिक्षक ताला खोलने के लिए आगे बढ़े बच्चों ने उन्हें रोक दिया। बच्चों का कहना था कि जब तक अन्य विषयों के शिक्षकों की व्यवस्था स्कूल में नहीं होगी वे ताला नहीं खोलने देंगे। प्रभारी प्राचार्य सरदार सिंह ने बच्चों को समझाया कि अतिथि शिक्षकों की भर्ती की व्यवस्था चल रही है तथा जल्द ही शिक्षक आ जाएंगे। बच्चों का कहना था कि स्कूल खुलने के बाद से ही आप यह बात कह रहे हैं। हमारी तो गणित, अंग्रेजी, सामाजिक विज्ञान और सामान्य हिन्दी विषय की पढ़ाई नहीं हो पा रही है। हम ताला नहीं खोलने देंगे। शिक्षकों ने गांव के सरपंच और बच्चों के अभिभावकों को मामले की जानकारी दी। मौके पर सरपंच माजिद खां पहुंचे और बच्चों को समझाया लेकिन बच्चे नहीं माने। बच्चों का कहना था कि जब तक अधिकारी मौके पर नहीं आएंगे वे ताला नहीं खोलने देंगे। शिक्षकों ने आला अधिकारियों को मामले से अवगत कराया लेकिन सभी ने बात हल्के में ली। इसके बाद बच्चे स्कूल के बाहर ही खड़े रहे। दोपहर में 2 बजे करीब डीईओ एचएन नेमा को मामले की जानकारी लगी तो उन्होंने बीईओ ओपी विश्वकर्मा को देहरी जागीर जाने के निर्देश दिए।

चार शिक्षक, इसके बाद भी 52 बच्चों को नहीं पड़ा पा रहे

देहरी हाई स्कूल में कुल 52 बच्चे पढ़ते हैं। स्कूल में 4 नियमित शिक्षक पदस्थ हैं। ये हालात देख कर बीईओ ने स्टाफ को फटकार लगाई। स्कूल का टाइम टेबल देख कर वे नाराज हो गए। चारों शिक्षक दोनों ही कक्षाओं में अपने-अपने विषय की पढ़ाई करवा रहे थे जबकि गणित, सामाजिक विज्ञान, अंग्रेजी और सामान्य हिन्दी की पढ़ाई ठप थी। बीईओ का कहना था कि चारों शिक्षक एक-एक विषय की जिम्मेदारी लेते तो यह स्थिति नहीं बनती। प्रभारी प्राचार्य सरदार सिंह का कहना था में तो तैयार हूं लेकिन स्टाफ के अन्य साथी सहयोग नहीं कर रहे हैं। बीईओ ने करीब 2 घंटे स्कूल में रुक कर अपने सामने ही नया टाइम टेबल बनवाया और स्टाफ के शिक्षकों को अतिरिक्त विषय पढ़ाने की जिम्मेदारी भी सौंपी।

स्टाफ ने ही बच्चों से यह कदम उठाने को कहा होगा

ऐसा लगा रहा था कि स्टाफ की मर्जी से ही बच्चों ने यह कदम उठाया है। अतिथि शिक्षकों की भर्ती नहीं हुई है तो स्टाफ को ही व्यवस्था बनाना चाहिए थी। जब तक अतिथि शिक्षक नहीं आएंगे वे ही बच्चों को अन्य विषय पढ़ाएंगे। इस संबंध में डीईओ को भी अवगत करा दिया है। ओपी विश्वकर्मा, बीईओ सिरोंज।

स्टाफ के शिक्षकों को अतिरिक्त विषय पढ़ाने की जिम्मेदारी भी सौंपी

बीईओ ने करीब 2 घंटे स्कूल में रुककर अपने सामने ही नया टाइम टेबल बनवाया

बच्चों ने 4 घंटे तक स्कूल का गेट शिक्षकों को नहीं खोलने दिया।

बीईओ को भी नहीं जाने दिया

बीईओ श्री विश्वकर्मा देहरी पहुंचे तब बच्चे और शिक्षक बाहर ही दिखाई दिए। उन्होंने शिक्षकों से ताला खोलने को कहा तो बच्चे गेट के सामने खड़े हो गए। बच्चों का कहना था कि जब तक स्कूल में पूरे शिक्षक नहीं आएंगे वे ताला नहीं खोलेंगे। छात्रा ऋतु शर्मा का कहना था कि गणित और अंग्रेजी की पढ़ाई अब तक शुरू नहीं हो सकी है। बीईओ ने उन्हें समझाइश दी और अंदर पहुंच कर समस्या का समाधान करने की बात कही। इसके बाद बच्चे ताला खुलवाने के लिए राजी हुए।

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