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दो साल से अतिशेष शिक्षकों की प्रक्रिया अधर में, विभाग ने फिर जारी किए आदेश

जिले में पिछले दो वर्ष से रुकी युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया अब हो सकेगी और शिक्षकों की कमी से जूझ रहे स्कूलों काे शिक्षक मिलेंगे। इस संबंध में शासन ने पुन: नियम निर्देश जारी करते हुए अतिशेष की प्रक्रिया पूरी करने के निर्देश दिए है।
तय समय सीमा में अतिशेष शिक्षकों को खाली पड़े स्कूलों में रखा जाएगा। युक्तियुक्त करण की यह प्रक्रिया पूरी तरह से ऑनलाइन होगी। इसके लिए ई-सर्विस बुक भी अपडेट की गई हैं।

गौरतलब है कि अब अध्यापकों की ऑनलाइन स्थानांतरण के पूर्व अतिशेष शिक्षकों की पदस्थापना की जाएगी। फिर अध्यापकों के स्थानांतरण किए जाएंगे। इस प्रक्रिया में शहर के अतिशेष शिक्षक गांव में पदस्थ किए जाएंगे। लेकिन शिक्षक गांव से शहर नहीं आ सकेंगे। विगत दो सालों से स्कूलों में अतिशेष शिक्षकों को पदस्थ करने की सूचना जारी हो रही है और पत्राचार होते होते ही दो साल बीत गए। स्कूलों में अतिशेष शिक्षक नहीं पहुंच सकें। ऐसे में अब स्कूल खुलते ही यह प्रक्रिया फिर शुरु कर दी गई, जिससे अध्यापन कार्य भी प्रभावित हो रहा है।

ये है पद-स्थापना की कुछ प्रमुख नीति

स्कूलों में ज्यादा शिक्षक होने पर रिक्त पदों वाले स्कूलों में पद-स्थापना की जाएगी। अतिशेष शिक्षकों को शहरी क्षेत्र से ग्रामीण क्षेत्र में पदस्थ किया जाएगा। ग्रामीण क्षेत्र से शहरी क्षेत्र में पद-स्थापना की कार्रवाई नहीं की जाएगी। अध्यापक संवर्ग को नियुक्तिकर्ता के निकाय के भीतर ही पदस्थ किया जाएगा। शिक्षक संवर्ग को जिले में आवश्यकता वाले स्कूलों में पदस्थ किया जाएगा। मिडिल स्कूलों में विषय मान व योग्यता के आधार पर रिक्त पदों पर पदस्थ करेंगे। प्राइमरी स्कूल में 60 बच्चों तक 2 शिक्षक, 61 से 90 बच्चों तक 3 शिक्षक, 91 से 120 बच्चों तक 4 शिक्षक, 121 से 200 बच्चों तक 5 शिक्षक और एक प्रधानाध्यापक की पद-स्थापना का प्रावधान है। प्राइमरी स्कूल में 200 से अधिक बच्चे होने पर 1:40 के अनुसार प्रधान अध्यापक को छोड़कर शिक्षक रखे जाने का प्रावधान है।

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