शिक्षा विभाग में पांच महीने से समय पर वेतन नहीं दिया जा रहा है।
कर्मचारियों को अब तक जून माह का वेतन ही नहीं मिला। इससे उनमें सरकार के
प्रति आक्रोश है।
राज्य आदर्श शिक्षक मंच के संयोजक भगवती प्रसाद पंडित, नियाज मोहम्मद
खान, गंगाराम प्रजापति, मोहन सोलंकी व दिनेश परमार ने बताया कि शासन ने सभी
सरकारी विभागों को निर्देशित किया था कि कर्मचारियों का वेतन प्रतिमाह एक
तारीख को उनके बैंक खाते में जमा हो जाना चाहिए, लेकिन शिक्षकों, अध्यापकों
व अन्य कर्मचारियों का जून का वेतन ही अब तक नहीं मिला है। कर्मचारियों ने
बताया कि वे समय पर लोन की किस्त नहीं चुका पा रहे हैं। इससे उन्हें
पेनल्टी भरना पड़ रहा है। बच्चों की फीस व अन्य जरूरी कार्य नहीं हो पा रहे
हैं। जिलेभर में यही स्थिति है। विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों से बात करने पर
वे कभी शासन से फंड नहीं आने, सॉफ्टवेयर की खराबी, सर्वर डाउन होने,
कोषालय के अधिकारियों के असहयोग का कारण बताकर पल्ला झाड़ लेते हैं।
7वें वेतनमान के एरियर की पहली किस्त नहीं मिली
जिले के हजारों शिक्षकों को सातवें वेतनमान के एरियर की प्रथम किस्त का
भुगतान भी अभी तक नहीं हुआ, जबकि मई में ही भुगतान किए जाने के शासन ने
आदेश दिए थे। अब जुलाई में देने को कहा गया है। 30 साल की नौकरी पूरी कर
चुके समयमान वेतनमान के एरियर की राशि भी सैकड़ों शिक्षकों को नहीं मिल पाई
है। आर्थिक मामलों में लापरवाही कर रहे जिले और भोपाल में बैठे वित्तीय
अधिकारियों पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर
लापरवाही बरत रहे विभागीय व कोषालय के अधिकारियों-कर्मचारियों पर तुरंत
कार्रवाई करने की मांग की गई है।