प्रदेश के उच्च शिक्षा विभाग ने धार, उज्जैन, देवास, सागर, मंदसौर और नीमच
जिला सहित प्रदेशभर में 44 नए सरकारी कॉलेज खोलने की कवायद शुरू की है।
कॉलेजों के लिए भवन तलाश कर इसी सत्र से पढ़ाई शुरू करने की तैयारी है। नए
कॉलेजों के साथ ही पहले से चल रहे 22 कॉलेजों में 1840 शैक्षणिक और
अशैक्षणिक पद स्वीकृत किए हैं। इनमें प्राचार्य के 44, सहायक प्राध्यापक के
838, क्रीड़ा अधिकारी के 44 और ग्रंथपाल के 44 पद शामिल हैं। इन पदों पर
फिलहाल भर्ती नहीं होगी। छात्र असमंजस में हैं कि नए कॉलेज में एडमिशन लिया
तो बगैर शैक्षणिक स्टाफ के पढ़ाई कैसे होगी। हालांकि शासन का तर्क है कि
फिलहाल गेस्ट फेकल्टी के जरिए नए कॉलेजों में पढ़ाई शुरू कराई जाएगी।
3422 पदों के लिए जून में हुई भर्ती परीक्षा
प्रदेश के 357 सरकारी कॉलेजों में असिस्टेंट प्रोफेसरों के रिक्त 3422
पदों के लिए लोक सेवा आयोग ने जून में परीक्षा ली है। इसमें 40 से ज्यादा
विषयों के 25 हजार से ज्यादा आवेदकों ने हिस्सा लिया है। नए कॉलेजों में
स्वीकृत पदों को भरने के लिए छात्रों और उम्मीदवारों ने शासन से मांग की है
कि इसी परीक्षा के पद बढ़ाकर नतीजे घोषित किए जाएं, ताकि नए कॉलेजों को भी
नए सत्र से ही स्थायी शिक्षक मिल सकें।
प्रदेश के नए शासकीय कॉलेजों में 3422 पदों पर भर्ती का इंतजार
 प्रदेश के शासकीय कॉलेजों में असिस्टेंट प्रोफेसर के 3422 पद
रिक्त हैं। नए कॉलेजों के पद भी जोड़े दिए जाएं तो पांच हजार से ज्यादा पद
रिक्त हैं। शासन ने सिर्फ 3422 पदों के लिए परीक्षा ली है। अगर इसी परीक्षा
में पद बढ़ा दिए जाएं तो शासन का पैसा भी बच जाएगा और ज्यादा से ज्यादा
उम्मीदवारों को नौकरी भी मिल जाएगी। इस विषय में हमने उच्च शिक्षा विभाग को
पत्र लिखा है। राकेश सेन, विवेक गुप्ता, गार्गी सिंह ...सभी उम्मीदवार
कॉलेजों में खाली पदों की गणना करने बाद ही भर्ती करेंगे
 नए सरकारी कॉलेजों के लिए शैक्षणिक और अशैक्षणिक पद स्वीकृत किए
हैं। फिलहाल इन पर भर्ती नहीं होगी। पीएससी से होने वाली भर्ती के बाद
खाली पदों की गणना करेंगे। उसके बाद ही नए पदों पर भर्ती प्रक्रिया शुरू
होगी। इस सत्र में गेस्ट फेकल्टी से ही नए कॉलेजों में पढ़ाई कराए जाएगी।
जगदीश जेटिया, रीजनल डायरेक्टर उच्च शिक्षा