अगर कोई छात्र एक बार में डीएलएड ( डिप्लोमा इन लर्निंग एजुकेशन) का कोर्स
पूरा नहीं कर पाता तो अब उसे दूसरी बार भी मौका दिया जाएगा। पहले यह कोर्स
करने का मौका एक ही बार दिया जाता है।
हाल में माध्यमिक शिक्षा मंडल के सचिव ने यह आदेश जारी किए हैं। आदेश
के अनुसार अगर कोई छात्र तीन साल में भी दो वर्षीय डीएलएड के कोर्स में
अनुत्तीर्ण रहता है तो उसे दोबारा मौका दिया जाएगा। इसके लिए उसे नए सिरे
से प्रवेश लेना होगा। कई राज्यों में शिक्षक बनने के लिए डीएलएड का
डिप्लोमा अनिवार्य है। प्रदेश में भी डीएलएड करने वाले शिक्षकों को वेतन
वृद्धि का लाभ दिया जाता था। इस डिप्लोमा को निजी व सरकारी कॉलेज द्वारा
कराया जाता है।
पूर्व की व्यवस्था के अनुसार अगर कोई छात्र डीएलएड के लिए प्रवेश लेता
है और दो वर्षीय इस डिप्लोमा को तीन साल में भी पूरा नहीं कर सकता यानि
अनुत्तीर्ण रहता है तो उसे फिर दोबारा मौका नहीं दिया जाता था। लेकिन अब इस
व्यवस्था में सुधार किया गया है। अब अनुत्तीर्ण प्रशिक्षु को एक और मौका
दिया जाएगा।
3 साल का मिलेगा समय : पूर्व में डिप्लोमा के लिए प्रशिक्षु को दो
वर्षीय कोर्स के लिए दो साल का समय ही दिया जाता था, लेकिन अब इस समय सीमा
को बढ़ा कर तीन साल कर दिया है। यानि प्रशिक्षु कोे प्रथम व द्वितीय वर्ष की
परीक्षा उत्तीर्ण करने के लिए तीन साल का समय दिया जाएगा। अगर कोई
प्रशिक्षु तीन साल में भी प्रथम व द्वितीय वर्ष की परीक्षा उत्तीर्ण नहीं
कर पाता है तो उसे एक और मौका दिया जाएगा, लेकिन इसके लिए उसे नए सिरे से
प्रवेश लेना होगा। यानि प्रथम व द्वितीय वर्ष की परीक्षा फिर से देना होगा।
नई व्यवस्था
पहले एक ही बार मिलता था मौका, शासन के आदेश जारी, छात्रों को मिलेगी सुविधा
डीएड-बीएडधारी कर रहे यह मांग
डीएड-बीएड प्रशिक्षित छात्रों का कहना है कि सरकार को संविदा
भर्ती प्रक्रिया को जल्द प्रांरभ करना चाहिए। विगत 06-07 वर्ष में सरकार
संविदा भर्ती नही करा पाई हैं। डीएड धारी छात्रों की मांग है कि संविदा
शिक्षक भर्ती जल्दी से जल्दी कराई जाए। काफी लंबे समय से भर्ती प्रक्रिया
अधर में लटकी है। डीएड-बीएड के हजारों छात्र कर्ज करके डीएड- बीएड डिग्री
इस उम्मीद में किए हैं कि संविदा भर्ती होने के बाद शिक्षक बन सके लेकिन अब
तक कोई प्रक्रिया शुरु नहीं हो सकी। डीएड-बीएड करने के बाद भी छात्र
परेशान और बेरोजगार घूम रहे हैं।