प्रतीक्षारत संविदा शिक्षक भर्ती परीक्षा का एक विज्ञापन सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है। साल भर में में यह तीसरा मौका है, जब इस तरह से परीक्षा को लेकर अफवाह उड़ी और फर्जी आदेश वायरल हुए हैं। किसी व्यक्ति ने व्यापमं के पुराने नाम ओर लोगो का इस्तेमाल कर वर्ग-2 और वर्ग-3 के लिए आवेदन की तारीख, परीक्षा तारीख सहित नियमावली जारी कर दी।
हालांकि जहां वर्ग-2 में 11 हजार 200 पदों पर नियुक्तियां होना हैं, वहीं इस फर्जी विज्ञापन में इसकी संख्या 11,384 बताई है। इसी प्रकार वर्ग-3 के रिक्त 9540 पदों के विरुद्ध फर्जी विज्ञापन में 58 हजार पद बताए हैं। ऐसे में यह विज्ञापन खुद ही बताता है कि वह फर्जी है। इसके बाद भी बेरोजगार युवा इसकी जांच-पड़ताल में परेशान हो रहे हैं।
सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वर्ग-2 और 3 के फर्जी विज्ञापन
पीईबी की जगह व्यापमं का लोगाे, 10 मई से फॉर्म भरने का दावा
जो फर्जी विज्ञापन वायरल हो रहा है, वह संविदा शाला शिक्षक वर्ग-2 की परीक्षा का बताया जा रहा है। इस आदेश में पीईबी (प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड) की जगह व्यावसायिक परीक्षा मंडल (व्यापमं) का लोगो इस्तेमाल किया गया है। फर्जी आदेश में बताया गया है कि 10 मई से ऑनलाइन फॉर्म भरे जाएंगे और 11 हजार 384 पदों पर भर्ती होगी। इसके लिए ऑनलाइन परीक्षा जुलाई में होगी। सोशल मीडिया पर इस तरह का आदेश तीसरी बार वायरल हुआ है। इससे पहले ट्विटर हैंडल पर भी एक आदेश वायरल हुआ था। मामले को गंभीरता से लेते हुए पीईबी ने सायबर सेल में इसके खिलाफ एफआईआर दर्ज करा दी है। अब मामले की जांच के बाद ही स्पष्ट होगा कि इस तरह का आदेश कौन वायरल कर रहा है।
वायरल हुए मैसेज को फर्जी बता रहे
मैसेज को प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड ने भी फर्जी ही बताया है। कुछ का कहना है कि इसमें कुछ कोचिंग संचालक भी शामिल हो सकते हैं, जो वायरल करवा रहे हैं ताकि लोग संस्थानों में कोचिंग में पढ़ने जाएं।
2013 में हुई थी घोषणा, परीक्षा अब तक नहीं
वर्ष 2011 में संविदा शाला शिक्षक की परीक्षा हुई थी। वर्ष 2013 में विधानसभा चुनाव के ठीक पहले सरकार ने फिर से परीक्षा कराने की घोषणा की थी। तभी से इंतजार में आवेदक। 31 हजार 658 पदों पर तीनों ही वर्गों में भर्ती की जानी है। संविदा शाला शिक्षक वर्ग-एक के 10 हजार 905, वर्ग दो के 11 हजार 200 और वर्ग तीन के 9 हजार 540 पदों पर भर्ती की जानी है।
सायबर सेल में एफआईआर करा दी है, लोग भ्रमित न हों : वर्मा
जो मैसेज वायरल हो रहा है, वह पूर्णत: फर्जी है। हमें जैसे ही इसकी जानकारी लगी तो मामले में सायबर सेल में एफआईआर करा दी है। पीईबी का लोगो भी बदल चुका है, लेकिन आदेश में व्यापमं का लोगो इस्तेमाल किया गया है, जिससे यह आदेश खुद ही बताता है कि वह फर्जी है। आवेदक भ्रमित न हों और पीईबी की वेबसाइट देखते रहें। परीक्षा संबंधी जो भी दिशा-निर्देश जारी होंगे, उसी पर आएंगे। आलोक वर्मा, प्रवक्ता, पीईबी