बालाघाट. मध्यप्रदेश शिक्षक संघ द्वारा अपनी मांगों को
लेकर १९ अप्रैल को कलेक्टर को ज्ञापन सौंपने का निर्णय लिया गया। संघ के
पदाधिकारियों की १५ अप्रैल को रानी दुर्गावती शासकीय उच्चतर माध्यमिक स्कूल
के सभागार में बैठक आयोजित हुई। जिसमें विभिन्न बिंदुओं पर चर्चा कर
निर्णय लिया गया। अपनी मांगें पूरी न होने पर आंदोलन व धरना प्रदर्शन करने
का भी निर्णय लिया गया।
ये हैं प्रमुख मांगें
तृतीय
क्रमोन्नत वेतनमान के आदेश शिक्षा विभाग में समस्त शिक्षकों को संकुल पर
भेजा जाए। जननतीय विभाग में दूसरी क्रमोन्नति के आदेश जारी कर स्थायीकरण की
सूची जारी किया जाए। शिक्षा विभाग के हट्टा संकुल में शिक्षकों के सातवें
वेतनमान का तीन माह का एरियर्स खाते में जमा किया जाए। सर्व शिक्षा अभियान
के अंतर्गत जिला शिक्षा केन्द्र व जनपद शिक्षा केन्द्रों के जनशिक्षकों
द्वारा माध्यमिक स्कूल की शिक्षक पंजी में शिक्षकों की अनुपस्थिति लगाई जा
रही है जिस पर तत्काल रोक लगाया जाए।
ये रहे शामिल
इस
दौरान संघ के प्रांतीय सचिव यादोकांत बिसेन, जिलाध्यक्ष सीएल कुंभरे, जिला
संगठन मंत्री इठोबा गायधने, जिला सचिव मेघराज नगपुरे, एके दीक्षित,
रेवाराम कबीरे, धमेन्द्र वराड़े, सीएल चौधरी, जीएस टेकाम, राजेन्द्र बल्ले,
आरएल बगारे, एम शंकरराव, तिलकचंद उरकुड़े, ओंकार वराड़े, सुभाष नगपुरे,
प्रवीण श्रीवास्तव, एमके वाहने सहित अन्य शामिल रहे।
आशाओं ने की पंचायत कराने मुख्यमंत्री चौहान से मांग
बालाघाट.
मध्यप्रदेश स्वास्थ्य आशा कार्यकर्ता व आशा सहयोगिनी संघ द्वारा वारासिवनी
में मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान के आगमन पर मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपा
गया। संघ के पदाधिकारियों ने केबिनेट मंत्री गौरीशंकर बिसेन के माध्यम से
मुख्यमंत्री चौहान से मुलाकात कर प्रदेश स्तर पर आशाओं की पंचायत कराने
मांग की। इस संबंध में मध्यप्रदेश स्वास्थ्य कर्मचारी संघ अध्यक्ष संतलाल
सहारे ने बताया कि शासन की जनकल्याणकारी योजनाओं को आशाओं द्वारा
कर्तव्यनिष्ठा के साथ किया जा रहा है। लेकिन शासन द्वारा आशाओं को कोई
निर्धारित मानदेय नहीं दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि आशाओं को भी
निश्चित मानदेय दिया जाए। ज्ञापन सौंपते समय आशा कार्यकर्ता संघ अध्यक्ष
सुशीला वट्टी, आशा सहयोगिनी संघ अध्यक्ष सुनीता बिसेन सहित अन्य आशा
कार्यकर्ता शामिल रही।