बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज में पीजी मान्यता को लेकर एक तरफ जहां शिक्षकों की कमी पूरी करने के लिए सीधी भर्ती के विज्ञापन निकाले जा रहे हैं, वहीं नए सत्र से कई शिक्षक प्रदेश में खुलने जा रहे सात नए मेडिकल कॉलेजों में जाने की फिराक में है। वजह है पहली बार भर्ती नियमों में हुए परिवर्तन।
प्रदेश सरकार ने सात नए मेडिकल कॉलेजों में शिक्षकों की जरूरत पूरी करने के लिए सीधी भर्ती का फैसला लिया है, इसमें शिक्षकों को पदोन्नति का लाभ भी मिल सकेगा। यही कारण है कि बीएमसी के 38 शिक्षकों ने अपने अनुभव प्रमाण पत्र बनवाकर नए कॉलेजों में आवेदन कर दिया है। बीएमसी के सामने यह नया संकट है क्योंकि डाक्टर्स के अलावा कर्मचारियों ने भी शासन से ट्रांसफर करने की इच्छा जाहिर की है, आने वाले समय में बीएमसी प्रबंधन को स्टाफ की कमी से जूझना पड़ सकता है।
नए कॉलेजों में जाने पर भी सीनियरटी बनी रहेगी : शासन के नए नियमों के अनुसार सीधी भर्ती के अलावा पुराने मेडिकल कॉलेजों से नए मेडिकल कॉलेजों में जाने वाले शिक्षकों की सिनियरिटी पर इसका कोई असर नहीं पड़ेगा, बल्कि वे सालों से अटकी पदोन्नति का भी लाभ ले सकेंगे। इन प्रलोभनों से नए मेडिकल कॉलेजों में शिक्षकों को लाने के लिए शासन जो बदलाव किए है इसका खामियाजा बीएमसी को भुगतना पड़ेगा। नए सत्र की शुरुआत में जैसी ही इतनी बड़ी संख्या में शिक्षक कॉलेज छोड़ेंगे तो इसका सीधा असर स्टूडेंट्स और व्यवस्थाओं पर पड़ेगा।
सात मेडिकल कॉलेजों
में 880 पदों पर होना
है सीधी भर्ती
प्रदेश के सात नए मेडिकल कॉलेजों में शिक्षकों की जरूरत पूरी करने के लिए सीधी भर्ती का फैसला लिया गया है। इसमें शासकीय स्वशासी चिकित्सा महाविद्यालय दतिया, खंडवा, रतलाम, शहडोल, विदिशा, छिंदवाड़ा और शिवपुरी में प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर और असिस्टेंट प्रोफेसर के 880 रिक्त पदों को मप्र लोक सेवा आयोग के जरिए सीधी भर्ती कराई जाएगी। बता दें कि इन सात मेडिकल कॉलेजों में प्रोफेसर के 185 पद, एसोसिएट प्रोफेसर के 253 और असिस्टेंट प्रोफेसर के 442 पद रिक्त हैं।
विदिशा और दतिया के लिए सबसे ज्यादा आवेदन
जानकारी के अनुसार शिक्षकों ने सबसे ज्यादा आवेदन विदिशा मेडिकल कॉलेज के लिए किए हैं। वहीं इसके बाद दतिया और रतलाम में भी कई शिक्षकों ने जाने की इच्छा जाहिर की। शिक्षकों के नए मेडिकल कॉलेजों में जाने का दूसरा कारण अपने घर के आसपास पहुंचना भी बताया जा रहा है।
नए मेडिकल कॉलेजों के लिए शिक्षक आवेदन तो कर रहे हैं, लेकिन इससे व्यवस्था पर कोई ज्याद फर्क नहीं पड़ेगा। हमने भी खाली पड़े पदों पर शिक्षकों की भर्ती शुरू कर दी है। - डॉ. जीएस पटेल, डीन बीएमसी