क्षेत्र में 1 फरवरी से अतिथि शिक्षकों को आंदोलन चल रहो है। इसके कारण
स्थानीय स्कूलों की हालत खराब है। शिक्षकों को स्कूलों में नहीं पहुंचने के
कारण बच्चों को पढ़ाई प्रभावित हो रही है।
शिक्षकों के आंदोलन के कारण
ग्रामीण क्षेत्रों कई स्कूल समय पर भी नहीं खुल पा रहे हैं। इससे स्कूलों
का परीक्षा परिणाम गिरने की संभावना है।
स्कूलों में इन दिनों परीक्षाएं चल रही है। अतिथि शिक्षकों के स्कूल
नहीं पहुंचने के कारण परीक्षा भी लापरवाही से कराई जा रही है। ऐसे में
स्कूल के परीक्षा परिणाम पर भी असर पड़ेगा। ऐसे में शासन को क्षेत्र के
शासकीय स्कूलों में छात्र-छात्राओं को पढ़ाने के लिए शिक्षकों की वैकल्पिक
व्यवस्था करनी चाहिए। साथ ही नियमित शिक्षकों को भी स्कूल समय पर खोलने के
निर्देश देना अतिथि शिक्षक राजेश विश्वकर्मा, हिमांशु अग्रवाल ने बताया कि
जब तक अतिथि शिक्षकों को नियमित नहीं किया जाता है तब तक सभी अतिथि शिक्षक
आंदोलन करते रहेंगे।