Important Posts

Advertisement

सचिव-ACS खाली हाथ, PS को सात विभाग

 प्रशासनिक संवाददाता, भोपाल : मंत्रालय और इससे बाहर पदस्थ आईएएस अफसरों को विभाग और प्रभार देने को लेकर राज्य सरकार की दोहरी नीति सामने आई है। किसी को आधा दर्जन से अधिक विभाग सौंपे गये हैं तो कोई खाली हाथ हैं। प्रभारों का बोझ बढ़ने से हर दिन सैकड़ों की संख्या में फाइलें और नोटशीट अटक रही हैं।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के निर्देश पर अपर मुख्य सचिव प्रभांशु कमल को चिकित्सा शिक्षा विभाग से हटा दिया गया है। उन्हें मंत्रालय में विशेष कर्तव्यस्थ अधिकारी बनाया गया है। एक माह से उनके पास कोई काम नहीं हैं। कमल नियमित तौर पर मंत्रालय आ रहे हैं लेकिन काम नहीं होने से खाली हाथ बैठे रहते हैं। इसी तरह सचिव स्तर के आईएएस अधिकारी रमेश थेटे भी बिना काम के बैठे हैं। थेटे ने सरकारी सुविधाओं को लेने से भी मना कर दिया है। काम नहीं होने से थेटे मंत्रालय में कब आते हैं और कब जाते हैं, कोई पूछने वाला नहीं है।

वेतन में जा रहे लाखों रुपये
सचिव रमेश थेटे और एसीएस प्रभांशु कमल के ऊपर वेतन-भत्तों पर लाखों रुपये व्यय किये जा रहे हैं। लेकिन, राज्य सरकार उनकी उपयोगिता को लेकर हाथ पे हाथ धरे बैठे है।

इनके पास जंबो डिपार्टमेंट
प्रमुख सचिव अशोक शाह के पास कभी महज अनुसूचित जाति विभाग हुआ करता था। अब, उनके पास कुल सात विभाग आ चुके हैं। आदिम जाति कल्याण विभाग की पीएस अलका उपाध्याय प्रतिनियुक्ति पर दिल्ली गर्इं तो उनका विभाग शाह को मिला। शाह के पास जो प्रभार आये हैं उनमें प्रबंध संचालक अनुसूिचत जाति वित्त एवं विकास निगम, प्रमुख सचिव खेल एवं युवा कल्याण विभाग, पिछड़ा वर्ग तथा अल्पसंख्यक कलयाण, विमुक्त घुमक्कड़ एवं अर्ध घुमक्कड़ जनजाति कल्याण और संचालक आदिम जाति अनुसंधान एवं विकास संस्थान हैं।

UPTET news

Facebook