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शिक्षामंत्री के ‘टाइमपास’ बयान से भड़के अतिथि शिक्षक, रैली निकाल जताया रोष

शिक्षामंत्री कुंवर विजय शाह का उनके प्रभार के जिले में कड़ा विरोध उठा। अतिथि शिक्षक उन्हें टाइमपास व्यवस्था कहने वाले बयान से बौखला उठे। जिला मुख्यालय पर 500 से ज्यादा अतिथि शिक्षकों ने रैली निकाली। टीआईटी कॉम्पलेक्स पर धरना दिया।
शहर में रैली निकालकर कलेक्टोरेट पहुंचे। यहां परिसर में शिक्षा मंत्री हाय हाय के नारे लगाकर गुस्सा उतारा। यहां भी 15 मिनट धरना दिया। सीएम के नाम डिप्टी कलेक्टर पीएल देवड़ा को मांग पत्र सौंपा।

17 दिसंबर को भोपाल में अतिथि शिक्षकों को प्रांतस्तरीय अनिश्चितकालीन आंदोलन करेंगे। अतिथि शिक्षकों ने बताया सुबह अतिथि शिक्षकों ने मंत्री का पुतला जलाने की सूचना प्रशासन को भेजी थी। 6 दिसंबर होने व धारा 144 प्रभावशील होने से अनुमति नहीं मिली। रैली में कोतवाली से पुलिस बल लगाया गया। आंदोलन पर पुलिस ने नजर रखी।

शिक्षामंत्री का पुतला फूंकने को लेकर पुलिस बल पूरे समय तैनात रहा।

हर विस चुनाव लड़ने की तैयारी

जिलाध्यक्ष सुंदरलाल मालवीय ने आरोप लगाया कि शिक्षा मंत्री ने हाल ही में कहा था कि अतिथि शिक्षकों को टाइमपास करने के लिए रखा गया है। उनका बयान अपमानजनक व विवादास्पद है। गुरुजीयों की तरह नियमितीकरण की मांग को हाईकोर्ट ने भी माना है। हमारे पहले सुप्रीम कोर्ट में जाने पर राज्य शासन को फटकार लगाकर कहा गया है कि मामला स्थानीय स्तर पर सुलझाए। हाई कोर्ट के निर्णय का पालन नहीं हो रहा है। हर विधानसभा में भाजपा के खिलाफ चुनाव लड़ने के लिए प्रतिनिधि खड़ा करेंगे या किसी प्रत्याशी को भाजपा के खिलाफ समर्थन देंगे। मामले में प्रभारी मंत्री का पक्ष जानने की कोशिश की लेकिन उनसे संपर्क नहीं हाे सका।

शाह की पुरानी टाइमपास आदत हैं विवादित बोल

3 साल पहले झाबुआ में सीएम की प|ी के बारे में विवादित भाषण दिया था।

उन्होंने उसी कार्यक्रम में छात्राओं से संबंधित कई विवादित बातें कही थीं।

इसके बाद उन्हेंं आदिम जाति कल्याण मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था।

दो साल पहले बड़वानी में शासकीय सेवारत एक दंपती का ट्रांसफर एक ही जिले में करने की बात विवादित शैली में की थी।

आगे क्या

शिक्षामंत्री का पुतला फूंकना चाहते थे लेकिन रैली में पुलिस पूरे समय साथ रही

10 साल से सरकारी स्कूलों में दे रहे हैं सेवाएं

शिक्षकों ने बताया वे 10 साल से स्कूलों में सेवाएं दे रहे हैं। अकुशल श्रमिकों के मानदेय पर काम कर रहे हैं। नियमितीकरण की कार्रवाई लंबित है। शिक्षामंत्री ने तीन माह में समिति बनाकर अतिथि शिक्षकों के पक्ष में कार्रवाई का आश्वासन दिया था। कार्रवाई के संबंध में पूछने पर उलटे टाइमपास व्यवस्था कह दिया। प्रदेश में 70 हजार से अतिथि शिक्षक हैं।

ऐसा था विवादित बयान जिसे प्रदेशभर में फैलाया

अतिथि शिक्षकों के मुताबिक 17 नवंबर को शहडोल उपचुनाव में अतिथि शिक्षकों ने स्कूल शिक्षामंत्री से मुलाकात कर नियमितीकरण की मांग को रखा था। तब मंत्री ने अतिथि शिक्षकों को टाइमपास कहकर उनके लिए भविष्य की कोई योजना नहीं होने का विवादित बयान दिया। शिक्षामंत्री के इस बयान की रिकार्डिंग पूरे प्रदेश में अतिथि शिक्षकों तक पहुंचाया गया।

56%स्थायी अध्यापक।

56%स्थायी अध्यापक।

22%अतिथि शिक्षक।

22%स्थायी शिक्षक। 

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