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शिक्षकों पर कार्रवाई करने के लिए प्राचार्यों के अधिकार बढ़ाने की तैयारी

होशंगाबाद। शासकीय स्कूलों के प्राचार्यों को शिक्षकों पर कार्रवाई करने के लिए उच्चाधिकारियों से अनुमति नहीं लेनी पड़ेगी। लोकशिक्षण संचालनालय ने प्राचार्यों के अधिकार बढ़ाने की तैयारी कर ली है।
आयुक्त लोकशिक्षण नीरज दुबे ने कहा है कि प्राचार्यों को अपनी संस्था के शिक्षक पर अनुशासनात्मक कार्रवाई करने का अधिकार दिया जाएगा। वर्तमान में प्राचार्य किसी भी शिक्षक पर कार्रवाई नहीं कर सकता। उसे शिक्षक पर कार्रवाई के लिए डीपीसी और डीईओ के पास प्रस्ताव भेजना पड़ता है। ऐसे में संबंधित शिक्षक पर कार्रवाई होने और व्यवस्था सुधरने में समय अधिक लगता है। प्राचार्यों के अधिकार बढ़ाने के संबंध में बैठक 24 दिसंबर को होनी है।

यह करना होगा
अधिकारों का प्रत्यायोजन (स्थानांतरण) एक प्रक्रिया है। इसमें जिला शिक्षा अधिकारी और प्राचार्यों के अधिकारों में बदलाव किया जाएगा। लोकशिक्षण संचालनालय व सामान्य प्रशासन विभाग अधिकारों में संशोधन का आदेश जारी करेंगे। इसके बाद सिविल सेवा आचरण अधिनियम में संशोधन होने के बाद अंतिम रूप से आदेश जारी किए जाएंगे।

आयुक्त ने दिए हैं निर्देश
- बैठक में आयुक्त लोकशिक्षण ने इस बात के निर्देश दिए हैं। हालांकि अधिकार प्रत्यायोजन की प्रक्रिया शासन स्तर से ही होगी। इसका विधिवत आदेश जारी होगा। फिर प्राचार्यों को अधिकार मिलेगा।
पीआर कोसे, संयुक्त संचालक लोकशिक्षण

व्यवस्था में आएगी कसावट
-शासन की इस व्यवस्था से व्यवस्था में कसावट आएगी। अभी यह व्यवस्था केन्द्रीय विद्यालयों में ही लागू थी। कई बार व्यवस्था को सुधारने के लिए सख्त रवैया अपनाना जरूरी होता है।
एसके शर्मा, जिलाध्यक्ष व्याख्याता प्राचार्य कल्याण संघ

- जिला शिक्षा अधिकारी पर वैसे भी जिलेभर की जिम्मेदारी होती थी, इसलिए अधिकारों का विकेन्द्रीकरण जरूरी था। नई व्यवस्था से प्राचार्य भी अपनी जिम्मेदारी समझेंगे। शिक्षा व्यवस्था में सुधार जल्दी होगा।

बीके पटेल, पूर्व जिला शिक्षा अधिकारी

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