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मप्र शिक्षक संघ ने किया प्रदेश व्यापी आंदोलन का ऐलान

उज्जैन। समयमान वेतनमान आैर पदोन्नति सहित चार सूत्रीय मांगों के निराकरण के लिए अब मप्र शिक्षक संघ प्रदेश व्यापी आंदोलन करेगा। पूरे प्रदेश में 27 नवंबर से आंदोलन का शंखनाद किया जाएगा। भोपाल में भी हजारों शिक्षक एकत्रित होकर धरना देंगे। रविवार को शहर में हुई मप्र शिक्षक संघ की प्रांतीय बैठक में यह निर्णय लिया गया। 
मप्र शिक्षक संघ की प्रांतीय बैठक रविवार को लोति स्कूल परिसर स्थित राजाभाऊ सभागृह में आयोजित हुई। संघ के प्रांताध्यक्ष प्रदीप कुमार सिंह की अध्यक्षता में हुई बैठक में प्रांतीय महामंत्री हिम्मत सिंह जैन (नीमच), कोषाध्यक्ष लच्छी राम इंगले (खरगोन), क्षेत्रीय प्रमुख किशनलाल नाकड़ा, संगठन मंत्री ब्रजमोहन आचार्य (राजगढ़), देवकृष्ण व्यास (देवास), लक्ष्मीनारायण अग्रवाल (भोपाल), चंद्रपाल सिंह सेंगर आदि ने प्रदेशभर से आए पदाधिकारियों को संबोधित किया। बैठक में शिक्षकों की विभिन्न समस्याओं पर विचार-विमर्श के बाद चार सूत्रीय मांगों का निराकरण नहीं होने पर आंदोलन करने का निर्णय लिया गया। 
27 नवंबर से प्रदेशभर में आंदोलन चलाने का प्रस्ताव एकमत से पारित हुआ। 2 नवंबर को संघ का एक प्रतिनिधि मंडल भी भोपाल में शिक्षा विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों से मिलेगा। 27 नवंबर को भोपाल में हजारों शिक्षक एकत्रित होकर धरना भी देंगे। करीब चार घंटे चली बैठक में प्रदेश के विभिन्न संभाग व जिलों से करीब 200 पदाधिकारी उपस्थित हुए। सभी पदाधिकारियों व शिक्षकों का उज्जैन जिले की ओर से जगदीश सिंह केलवा व कमल किशोर कुल्मी ने सम्मान किया। अतिथि परिचय सुभाषचंद्र पाटीदार ने एवं स्वागत भाषण बाबूलाल बैरागी ने दिया। संचालन जिलाध्यक्ष प्रवीण भाटी ने किया। आभार राजेंद्र रावल ने माना। 
यह रखी मुख्य मांगें 
शिक्षकों को समयमान वेतनमान दिया जाए। शिक्षकों आैर सहायक शिक्षकों को पदोन्नति का लाभ दिया जाए। अध्यापकों का संविलियन किया जाए। शिक्षक वर्ग को केंद्र के समान सातवां वेतनमान दिया जाए। 
पदाधिकारियों के बीच आपस में हुई बहस 

बैठक के ओपन सेशन में प्रांतीय पदाधिकारियों ने प्रत्येक जिले व संभाग के प्रतिनिधियों को अधिक से अधिक संख्या में शिक्षकों को सदस्य बनाने पर जोर दिया। अगले वर्ष संघ के चुनाव भी प्रस्तावित हैं। कुछ जिलों में संख्या कम होने पर अध्यापक प्रकोष्ठ के प्रांत संयोजक बृजेंद्र सिंह भदौरिया ने प्रतिनिधियों को सही तरीके से काम नहीं करने की बात कही। जिस पर कुछ प्रतिनिधि भड़क गए आैर बहस करने लगे। प्रतिनिधियों ने यह तक कहाकि आप लोग हमें प्रोत्साहित करने आएं हैं या हतोत्साहित करने आए हैं। हालांकि अन्य वरिष्ठों की समझाइश के बाद प्रतिनिधि कुछ देर में शांत भी हो गए।
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