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वापसी के इंतजार में भटक रहे शिक्षक , 11 ने पकड़ी कोर्ट की राह

अशोकनगर. करीब डेढ़ माह पहले सर्व शिक्षा अभियान में प्रतिनियुक्ति से हटाए गए लगभग 71 शिक्षक स्कूल वापसी के इंतजार में भटक रहे हैं, उन्हें अभी तक स्कूलों में नहीं भेजा गया है। जबकि जिले के स्कूलों में शिक्षकों के पद खाली पड़े हैं। कई स्कूल शिक्षक विहीन हैं तो वहीं कइयों में एक ही शिक्षक पूरा स्कूल संभाल रहा है।
उल्लेखनीय है कि जिले में प्रतिनियुक्ति पर चार वर्ष का कार्यकाल पूर्णकर चुके जनशिक्षकों (सीएसी) व विकासखंड आकदमिक समन्वयकों (बीएसी) की प्रतिनियुक्ति समाप्त कर उन्हें वापस स्कूलों में भेजा जाना था। 22 जुलाई को उन्हें मिशन से तो हटा दिया गया, लेकिन स्कूलों भेजने की कार्रवाई अभी ठंडे बस्ते में है और शिक्षकों को घर बैठे वेतन मिल रही है। प्रतिनियुक्ति से हटाए गए शिक्षक न तो स्कूलों में जा रहे हैं और न ही उनके पास कोई दूसरा काम है। ऐसे में शिक्षक डीईओ, बीईओ या बीआरसीसी कार्यालयों में समय काटते नजर आते हैं।एक-दो दिन में कार्यालयों के चक्कर काटकर वापस घर चले जाते हैं। इनमें से कुछ इस स्थिति का आनंद उठा रहे हैतो कुछ स्कूल न मिलने के कारण परेशान हैं।जब तक उन्हें किसी संस्था में पदस्थ नहीं किया जाता, वे कुछ नहीं कर सकते। मिशन से हटाए गए शिक्षकों को एक-दो हफ्तों में स्कूल मिल जाना चाहिए था। लोक शिक्षण संचालनालय के निर्देश हैं कि प्रतिनियुक्ति से कर्मचारी को हटाने के बाद सबसे पहले शून्य या एक शिक्षिकीय शालाओं में भेजा जाए। जिले में करीब 45 प्राथमिक व 20 मिडिल स्कूल शिक्षक विहीन हैं, जहां इन शिक्षकों को भेजा जा सकता है। ताकि स्कूलों में पठन-पाठन के साथ ही प्रशासकीय कार्य भी सुचारू रूप से हो सकें। शून्य शिक्षकीय शालाओं में फिलहाल अतिथि शिक्षकों से काम चलाया जा रहा है।

11 ने पकड़ी कोर्ट की राह
हटाए गए जन शिक्षकों में से 11 ने कोर्ट की शरण ली और वापस प्रतिनियुक्ति पर रखने की मांग की। कोर्ट ने विधि अनुसार कार्रवाई का निर्णय लिया। इस मामले में डीपीसी का कहना है कि विधि अनुसार उन्हें केवल काउंसलिंग में बुलाया था, लेकिन पदस्थापना के लिए अलग से निर्णय लेकर आना पड़ेगा। नहीं तो शून्य या एक शिक्षिकीय स्कूल में ही पदस्थापना होगी।

जनशिक्षकों के पद खाली

दूसरी ओर पुराने जनशिक्षकों को हटाकर नए जनशिक्षक नियुक्त करने के लिए दो बार काउंसिलिंग बुलाने के बावजूद केवल 22 शिक्षकों ने ही सहमति दी। शेष पद खाली रह गए। शिक्षक सत्र शुरू हुए दो माह से अधिक बीत जाने के बाद भी जनशिक्षकों से आधे से अधिक पद खाली पड़े हैं। पदों को भरने के लिए शिक्षक तीसरी काउंसिलिंग की मांग कर रहे हैं। जबकि डीपीसी उदितनारायण मिश्रा के अनुसार तीसरी काउंसिलिंग बुलाने का नियम नहीं है। ऐसे में उन्होंने राज्य शिक्षा केन्द्र से मार्गदर्शन मांगा है। इसके बाद ही कार्रवाई हो सकेगी।
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