प्रदेश टुडे संवाददाता, जबलपुर ‘अभी निलंबन कर रहा हूं, अगर इसके बाद भी नहीं सुधरे तो बर्खास्त कर दूंगा, कार्यों में लापरवाही की हद होती है, अनेक बार नोटिस दिए जाने के बाद भी आपके कार्य में सुधार नहीं आया इसलिए आपको निलंबित किया जाता है ’।
संभागीय लोक शिक्षण कार्यालय में मंगलवार की सुबह जेडीई मनीष वर्मा व लेखापाल नरेन्द्र तिवारी के बीच करीब आधे घंटे चली बात में अन्य कर्मचारियों के कान खड़े कर दिए।
जानकारी के अनुसार संयुक्त संचालक लोक शिक्षण मनीष वर्मा (जेडीई) ने लेखापाल नरेन्द्र कुमार तिवारी का निलंबन कर दिया। इसकी वजह कार्यालयीन अधिकारियों, कर्मचारियों की सेवा पुस्तिकाओं में पेजिंग न करना, अवकाश लेखा का संधारण न करना, नॉमिनेशन फार्मों की संबंधितों से पूर्ति न कराना सहित वित्तीय वर्ष 2014-15 में अधिकारियों, कर्मचारियों का आयकर कटौती उपरांत टीडीएस जमा न करना है, जिससे विभाग को आयकर का नोटिस भी मिला है। श्री तिवारी पर शिकायतों की सूची वैसे तो काफी लंबी है। उन्होंने आॅडिट की लंबित कंडिकाओं के निराकरण हेतु कार्यालयीन नस्तियां भी समय पर प्रस्तुत नहीं कीं, जिसे गंभीर वित्तीय अनियमितताओं की श्रेणी में गिना जा रहा है।
4 बार भेजा शोकॉज नोटिस का कोई जवाब नहीं
शिकायतों के मद्देनजर अब तक नरेन्द्र तिवारी को चार बार कारण बताओ नोटिस भी कार्यालय ने जारी किया, जिसका भी उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया। यही कारण है कि जेडीई ने उन्हें दायित्वों के िवपरीत काम करने, काम में घोर लापरवाही बतरने तथा मनमाना तरीका अपनाने व आदेशों का पालन सख्ती से न करने के कारण निलंबित किया है। कार्यवाही मप्र सिविल सेवा (वर्गीकरण नयंत्रण, अपील) नियम 1966 के नियम 9 (1) के अंतर्गत की गई है। निलंबन अवधि में उनका मुख्यालय कार्यालय विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी रहेगा।
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जानकारी के अनुसार संयुक्त संचालक लोक शिक्षण मनीष वर्मा (जेडीई) ने लेखापाल नरेन्द्र कुमार तिवारी का निलंबन कर दिया। इसकी वजह कार्यालयीन अधिकारियों, कर्मचारियों की सेवा पुस्तिकाओं में पेजिंग न करना, अवकाश लेखा का संधारण न करना, नॉमिनेशन फार्मों की संबंधितों से पूर्ति न कराना सहित वित्तीय वर्ष 2014-15 में अधिकारियों, कर्मचारियों का आयकर कटौती उपरांत टीडीएस जमा न करना है, जिससे विभाग को आयकर का नोटिस भी मिला है। श्री तिवारी पर शिकायतों की सूची वैसे तो काफी लंबी है। उन्होंने आॅडिट की लंबित कंडिकाओं के निराकरण हेतु कार्यालयीन नस्तियां भी समय पर प्रस्तुत नहीं कीं, जिसे गंभीर वित्तीय अनियमितताओं की श्रेणी में गिना जा रहा है।
4 बार भेजा शोकॉज नोटिस का कोई जवाब नहीं
शिकायतों के मद्देनजर अब तक नरेन्द्र तिवारी को चार बार कारण बताओ नोटिस भी कार्यालय ने जारी किया, जिसका भी उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया। यही कारण है कि जेडीई ने उन्हें दायित्वों के िवपरीत काम करने, काम में घोर लापरवाही बतरने तथा मनमाना तरीका अपनाने व आदेशों का पालन सख्ती से न करने के कारण निलंबित किया है। कार्यवाही मप्र सिविल सेवा (वर्गीकरण नयंत्रण, अपील) नियम 1966 के नियम 9 (1) के अंतर्गत की गई है। निलंबन अवधि में उनका मुख्यालय कार्यालय विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी रहेगा।
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