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झुलसाने वाली धूप के बावजूद हस्ताक्षर अभियान में जुटे सैकड़ों लोग

खरगोन. पत्रिका द्वारा चलाई जा रही शराबमुक्त मध्यप्रदेश मुहिम को अपार जनसमर्थन मिल रहा है। पत्रिका द्वारा गायत्री मंदिर तिराहे पर शनिवार को चलाए गए हस्ताक्षर अभियान के लिए सैकड़ों लोग जुटे। झुलसाने वाली धूप के बावजूद शराबमुक्त मध्यप्रदेश बनाने के लिए उत्साह के साथ अपने हस्ताक्षर करने पहुंचे।
इस अवसर पर पुलिस अधीक्षक, अभिभाषक संघ के नवनिर्वाचित अध्यक्ष अपने साथियों के साथ, नपा पार्षद भी पहुंचे व हस्ताक्षर कर शराबमुक्त मध्यप्रदेश बनाने का संकल्प व्यक्त किया। पत्रिका द्वारा शराबविहीन मध्यप्रदेश बनाने के लिए गायत्री परिवार के सहयोग से हुए इस शंखनाद में गायत्री परिवार के सदस्यों ने भी अपनी आवाज मिलाई और हस्ताक्षर अभियान में सहयोग दिया।


उत्कृष्ट में लिया सकंल्प

उत्कृष्ट विद्यालय में गायत्री परिवार के सदस्यों ने स्कूल स्टाफ और बच्चों को शराब मुक्त मध्यप्रदेश के निर्माण में सहयोग का सकंल्प दिलाया। सकंल्प के बाद स्टाफ और विद्यार्थियों ने हस्ताक्षर अभियान में भी भाग लिया। इस मौके पर 40 शिक्षकों का स्टाफ और दो सौ से अधिक विद्यार्थी मौजूद थे।

बदहाली का कारण शराब

गायत्री मंदिर तिराहे पर हस्ताक्षर अभियान की शुरुआत करते हुए गायत्री शक्ति पीठ के प्रबंध ट्रस्टी लक्ष्मण पटेल, डॉ. संतोष पाटीदार, परिव्राजक रमेश भाई, वरिष्ठ सदस्य पीएम चौहान व अन्य ने अपने संबोधन में शराबमुक्त प्रदेश बनाने का संकल्प लेने का आह्वान किया। वक्ताओं ने कहा शराब निर्माण के कारण प्रदेश में जलसंकट व्याप्त है। एक लीटर शराब बनाने में 17 लीटर पानी लगता है, जबकि इसका अपशिष्ट नदियों व नालों में बहा दिया जाता है। इसके कारण पारंपरिक पेयजल स्रोत प्रदूषित हो रहे हैं।

महती आवश्यकता है शराबमुक्त प्रदेश

अभिभाषक संघ के नवनिर्वाचित अध्यक्ष राजेश गुजराथी, पूर्व सचिव नीरज पाठक, उमेश निखोरिया, चंदन चौधरी, अजय चौधरी, विकास पटवा, गोलू निखोरिया, महेश जोशी, भय्यू बालके व अन्य अभिभाषकों ने शराबमुक्त मध्यप्रदेश को आज की महती आवश्यकता बताया। इसी प्रकार पार्षद अल्ताफ आजाद व अनवर जिंद्रान ने भी पत्रिका की मुहिम को सराहनीय कदम बताते हुए हस्ताक्षर किए।

एसपी बोले- अपराधों की जड़ है शराब, सामाजिक बहिष्कार करें

शराब अपराधों और घरों के टूटने की जड़ है। प्रदेश शराब होना चाहिए लेकिन साथ ही सामाजिक बहिष्कार की भी जरूरत है। मैं तो कहता हूं कि स्वयं को यह संकल्प लेना चाहिए कि हम उन घरों में बेटी का ब्याह नहीं करेंगे और न ही उस घर से बहू लाएंगे, जहां शराब पी और पिलाई जाती हो। पत्रिका मुहिम को प्रशंसनीय बताते हुए पुलिस अधीक्षक अमित सिंह इसके समर्थन में हस्ताक्षर किए। उन्होंने कहा कि शराब के कारण कानून-व्यवस्था भी प्रभावित होती है। 25 प्रतिशत सड़क दुर्घटनाओं का कारण चालक का नशे में होना पाया जाता है। शराब आदमी की सोचने-समझने की शक्ति को समाप्त कर देती है। शराब पीकर लोग जघन्य अपराध घटित कर देते हैं। शराब की नकारात्मकता को नई पीढ़ी को बताने की जरूरत है।

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