Important Posts

Advertisement

अगले महीने नए शिक्षकों की पोस्टिंग होगी , दुविधा... समय पर नहीं आते रेग्युलर शिक्षक

शिक्षा विभाग सुधार के कितने भी दावे कर ले लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां करती है, इसका उदाहरण है लटेरी तहसील के स्कूल, तहसील के स्कूलाें में 1485 शिक्षक होने चाहिए, लेकिन यहां पर 324 शिक्षक ही अपनी सेवाएं सरकारी स्कूल में दे रहे हैं।
बाकी के 1161 शिक्षकों के पद अभी तक खाली पड़े हैं। उनारसीकला, रुसल्ली, जावती, अलीगढ़, कोटरा अाैर दनबास में हाई स्कूल हैं, लेकिन यहां रेग्युलर शिक्षक ही नहीं हैं। यहां पर सैकड़ों विद्यार्थी अतिथि शिक्षकों के भरोसे ही अध्ययन कर रहे हैं।

ऐसे में सोचने का विषय यह है कि छात्र-छात्राओं की पढ़ाई कैसे हो और समय पर उनका कोर्स पूरा कैसे कराया जाए। 2 मार्च से दसवीं और बारहवीं की परीक्षा होना है और साथ ही शिक्षा विभाग ने पांचवी और आठवीं की बोर्ड की परीक्षा कर दी है लेकिन इन विद्यार्थियों को पढ़ाने के लिए शिक्षा विभाग के पास पर्याप्त शिक्षक ही नहीं है। तहसील क्षेत्र के प्राइमरी से लेकर हायर सेकेंडरी तक कुल 358 स्कूल हैं, जिनमें 9 हायर सेकेंडरी, 13 हाई, 100 मिडिल और 236 प्राइमरी स्कूल हैं। इनमें कुल 1485 शिक्षक होना चाहिए, लेकिन यहां तो कुल 324 ही रेगुलर शिक्षक हैं और 1161 शिक्षकों के पद रिक्त पड़े हुए हैं।

कैसे होगी छात्र-छात्राओं की पढ़ाई समय पर, दहलानों में पढ़ाई करने को मजबूर

दहलान में पढ़ाई करते हैं बच्चे, क्योंकि इनके बैठने के िलए अब तक नहीं बने भवन।

9 से 10 प्राथमिक स्कूल ऐसे भवन विहीन

कोलू खेड़ी, चौकीदार पुरा सहित तहसील में लगभग 9 से 10 प्राथमिक स्कूल ऐसे हैं जहां बच्चों को बैठने के लिए शासन द्वारा अभी तक भवन भी उपलब्ध नहीं कराया जा सका है। यह विद्यार्थी दहलानों में बैठकर पढ़ाई करने को मजबूर हैं। आनंदपुर में शिक्षकों की 18 पोस्ट हैं, लेकिन यहां पर रेगुलर 4 शिक्षक ही हैं। काछी खेड़ा में 7 में से दो ही शिक्षक हैं। ओखली खेड़ा, ईश्वरवास, जावती में एक-एक शिक्षक हैं। जबकि यह भी हाई स्कूल हैं। जबकि इनमें शासन के नियमानुसार कम से कम 12-12 रेगुलर शिक्षक होना चाहिए।

दुविधा... समय पर नहीं आते रेग्युलर शिक्षक

कई स्कूलों में जो थोड़े बहुत 1-1, 2-2 रेगुलर शिक्षक स्कूलों में हैं वह भी समय पर स्कूल नहीं पहुंचते हैं। तहसील में कहने को तो लगभग 35 हजार विद्यार्थी अध्ययन कर रहे हैं, लेकिन जब अतिथि शिक्षक नहीं आते तो इन विद्यार्थियों की पढ़ाई कौन करवाएगा। कई स्कूल तो ऐसे हैं जहां पर छात्र-छात्राओं को टॉयलेट भी उपलब्ध नहीं हैं, ऐसे में वह बाहर इधर-उधर टॉयलेट करने घूमते रहते हैं।

अगले महीने नए शिक्षकों की पोस्टिंग होगी 

UPTET news

Facebook