भोपाल। राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय
(आरजीपीवी) के यूआईटी समेत झाबुआ और शहडोल इंजीनियरिंग कॉलेज में शिक्षकों
की भर्ती करने जा रहा है। तीनों जगह मिलाकर करीब 200 लेक्चरर के खाली पड़े
पदों पर भर्ती की जाएगी। इस संबंध में प्रस्ताव बुधवार को होने वाली
कार्यपरिषद की बैठक में रखा जाएगा। इसी तरह आरजीपीवी संविदा पर काम कर रहे
कर्मचारियों को दीवाली गिफ्ट देने जा रही है। इन कर्मचारियों को अगले
सप्ताह होने वाली बैठक में नियमित करने का प्रस्ताव तैयार किया गया है।
इसके अलावा बैठक में नए कोर्स को भी मंजूरी दी जाएगी।
दरअसल, यूआईटी समेत झाबुआ और शहडोल इंजीनियरिंग कॉलेज में लंबे समय से लेक्चरर के पद खाली पड़े हुए हैं। इन्हें अब आरजीपीवी भरने जा रहा है। इसके लिए कार्यपरिषद से अनुमति ली जाएगी। कार्यपरिषद की अनुमति के बाद विज्ञापन जारी कर आवेदन मंगाए जाएंगे। आवेदनों के आधार पर इंटरव्यू आयोजित किए जाएंगे। इसी तरह कार्यपरिषद की बैठक में विश्वविद्यालय के 100 से ज्यादा कर्मचारियों को नियमित किए जाने का प्रस्ताव भी रखा जाएगा।
यह
कर्मचारी पिछले कई सालों से संविदा के आधार पर विश्वविद्यालय में काम कर
रहे हैं। इसी तरह कुछ कर्मचारियों की श्रेणी भी बदली जाएगी। अकुशल को
अर्धकुशल, अर्धकुशल को कुशल श्रेणी में बदला जाएगा। इसी तरह यूआईटी में
टैक्सटाइल इंजीनियरिंग का कोर्स शुरू कर उसमें प्रवेश देने की अनुमति का
मामला भी कार्यपरिषद में रखा जाएगा।
इधर, तीन महीने से नहीं हो सकी आवेदनों की छंटनी
आरजीपीवी
ने करीब तीन महीने पहले प्रोफेसर और डायरेक्टर पद के लिए विज्ञापन जारी कर
आवेदन मंगाए थे। लेकिन तीन महीने बाद भी इनके इंटरव्यू तो दूर आवेदनों की
छंटनी तक नहीं हो सकी है। आरजीपीवी को पांच पदों के लिए 200 आवेदन मिले
हैं।
दरअसल, आरजीपीवी ने जुलाई में विज्ञापन जारी कर यूआईटी (यूनिवर्सिटी इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी) ऑटोनॉमस, शहडोल, झाबुआ और पॉलिटेक्निक संस्थान में डायरेक्टर और प्रोफेसर की नियुक्ति के लिए आवेदन मंगाए थे।
इस दौरान आरजीपीवी को करीब 200 आवेदन
मिले थे। इन आवेदनों की जांच के लिए स्क्रूटनी कमेटी बनना था। जिसके बाद
सही पाए गए आवेदनों के आधार पर इंटरव्यू आयोजित किए जाएंगे। लेकिन अब तक
स्कू्रटनी कमेटी ही नहीं बन पाई है। कमेटी में चेयरमैन कुलपति सुनील कुमार
होंगे।
जबकि, सदस्य के तौर पर डायरेक्टर टेक्निकल एजुकेशन, राजभवन से नियुक्त तीन विषय विशेषज्ञ और आरजीपीवी की कार्यपरिषद से दो विषय विशेषज्ञों को नामांकित किया जाएगा। लेकिन अब तक यह कमेटी नहीं बन सकी है।
दरअसल, यूआईटी समेत झाबुआ और शहडोल इंजीनियरिंग कॉलेज में लंबे समय से लेक्चरर के पद खाली पड़े हुए हैं। इन्हें अब आरजीपीवी भरने जा रहा है। इसके लिए कार्यपरिषद से अनुमति ली जाएगी। कार्यपरिषद की अनुमति के बाद विज्ञापन जारी कर आवेदन मंगाए जाएंगे। आवेदनों के आधार पर इंटरव्यू आयोजित किए जाएंगे। इसी तरह कार्यपरिषद की बैठक में विश्वविद्यालय के 100 से ज्यादा कर्मचारियों को नियमित किए जाने का प्रस्ताव भी रखा जाएगा।
इधर, तीन महीने से नहीं हो सकी आवेदनों की छंटनी
दरअसल, आरजीपीवी ने जुलाई में विज्ञापन जारी कर यूआईटी (यूनिवर्सिटी इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी) ऑटोनॉमस, शहडोल, झाबुआ और पॉलिटेक्निक संस्थान में डायरेक्टर और प्रोफेसर की नियुक्ति के लिए आवेदन मंगाए थे।
जबकि, सदस्य के तौर पर डायरेक्टर टेक्निकल एजुकेशन, राजभवन से नियुक्त तीन विषय विशेषज्ञ और आरजीपीवी की कार्यपरिषद से दो विषय विशेषज्ञों को नामांकित किया जाएगा। लेकिन अब तक यह कमेटी नहीं बन सकी है।