जन शिक्षकों की भर्ती में गड़बड़ी का मामला सामने आया है। जिला शिक्षा
केंद्र ने नियम विरुद्ध सहायक अध्यापकों को जन शिक्षक बना दिया है। इस पद
पर शिक्षक और अध्यापकों की नियुक्ति की जा सकती है।
रतलाम ही नहीं जावरा, सैलाना, आलोट, पिपलौदा में 30 से ज्यादा पदों पर ये नियुक्ति की है। खास बात यह है कि इसके लिए काउंसलिंग नहीं की और नियुक्ति कर दी। जिम्मेदारों का कहना है हमने नियुक्ति प्रभारी के तौर पर की है।
शिक्षा विभाग द्वारा पढ़ाई की गुणवत्ता में सुधार के लिए ये नियुक्तियां की जाती है। एक जनशिक्षक के जिम्मे 40 स्कूल रहते हैं। इनका काम स्कूलों का निरीक्षण करना और स्कूल में जो कमियां हैं उन्हें दूर करना है। डीईओ और शिक्षा विभाग से जो आदेश जारी होते हैं उनको स्कूल तक पहुंचाना होता है। जन शिक्षकों की नियुक्ति के लिए विज्ञापन जारी किया जाता है इसके बाद समिति द्वारा चयन किया जाता है। समिति में जिला प्रशासन के प्रतिनिधि के साथ डीईओ, जनजातीय कार्य विभाग के सहायक आयुक्त, सहायक संचालक शामिल रहते हैं। इनके द्वारा काउंसलिंग की जाती है और योग्यता के आधार पर नियुक्ति की जाती है। लेकिन बगैर समिति के नियुक्ति कर दी है। वहीं एेसे जन शिक्षक जिन्होंने 4 साल पूरे कर लिए हैं उन्हें फिर नियुक्ति दे दी है।
प्रभारी के तौर पर बनाए हैं- डीपीसी आर. के. त्रिपाठी ने बताया जनशिक्षकों की नियुक्ति प्रभारी के तौर पर की है। अभी भी हमारे पास 30 पोस्ट खाली है। कोई हो तो बताओ हम नियुक्ति कर देंगे। नियुक्ति में किसी प्रकार की गड़बड़ी नहीं की गई है।
रतलाम ही नहीं जावरा, सैलाना, आलोट, पिपलौदा में 30 से ज्यादा पदों पर ये नियुक्ति की है। खास बात यह है कि इसके लिए काउंसलिंग नहीं की और नियुक्ति कर दी। जिम्मेदारों का कहना है हमने नियुक्ति प्रभारी के तौर पर की है।
शिक्षा विभाग द्वारा पढ़ाई की गुणवत्ता में सुधार के लिए ये नियुक्तियां की जाती है। एक जनशिक्षक के जिम्मे 40 स्कूल रहते हैं। इनका काम स्कूलों का निरीक्षण करना और स्कूल में जो कमियां हैं उन्हें दूर करना है। डीईओ और शिक्षा विभाग से जो आदेश जारी होते हैं उनको स्कूल तक पहुंचाना होता है। जन शिक्षकों की नियुक्ति के लिए विज्ञापन जारी किया जाता है इसके बाद समिति द्वारा चयन किया जाता है। समिति में जिला प्रशासन के प्रतिनिधि के साथ डीईओ, जनजातीय कार्य विभाग के सहायक आयुक्त, सहायक संचालक शामिल रहते हैं। इनके द्वारा काउंसलिंग की जाती है और योग्यता के आधार पर नियुक्ति की जाती है। लेकिन बगैर समिति के नियुक्ति कर दी है। वहीं एेसे जन शिक्षक जिन्होंने 4 साल पूरे कर लिए हैं उन्हें फिर नियुक्ति दे दी है।
प्रभारी के तौर पर बनाए हैं- डीपीसी आर. के. त्रिपाठी ने बताया जनशिक्षकों की नियुक्ति प्रभारी के तौर पर की है। अभी भी हमारे पास 30 पोस्ट खाली है। कोई हो तो बताओ हम नियुक्ति कर देंगे। नियुक्ति में किसी प्रकार की गड़बड़ी नहीं की गई है।