श्योपुर। नईदुनिया प्रतिनिधि शिक्षक बनने का सपना संजोए बैठे
अध्यापकों के लिए बुरी खबर यह है कि, निर्वाचन आयोग ने उन्हें अध्यापक
संवर्ग में शामिल करने के लिए की गई कवायद पर रोक लगा दी है। आयोग ने यह
रोक आचार संहिता के दिन सूची जारी करने के कारण लगाई है।
मुख्यमंत्री
शिवराज सिंह चौहान की घोषणा के बाद राज्य सरकार ने अध्यापकों को शिक्षक
संवर्ग में शामिल करने के आदेश जारी कर दिए थे। इस संबंध में अध्यापकों से
ऑनलाइन सहमति पत्र भरवाकर आवेदनों की जांच करवाई गई। जांच में इतनी देर लगा
दी कि, आचार संहिता लागू हो गई। 6 अक्टूबर को आचार संहिता लागू होने के
दिन ही अध्यापकों को शिक्षक संवर्ग में शामिल करने वाली फाइल पर हस्ताक्षर
किए गए थे। बड़ी संख्या में जिलों द्वारा देरी से अध्यापकों की फाइल को
शिक्षक संवर्ग में शामिल करने के लिए हस्ताक्षर करने को आयोग ने संदेह की
निगाह से देखा है। आयोग ने मंडला, डिंडौरी, अलीराजपुर, बड़वानी, अनूपपुर व
झाबुआ जिले को छोड़कर बाकी जिलों में अध्यापकों को शिक्षक संवर्ग शामिल किए
जाने की कार्रवाई में रोक लगा दी है। इस रोक के बाद अध्यापकों की 20 साल की
लड़ाई पर पानी फिरता नजर आ रहा है।