इंदौर. न्यूज टुडे.
प्रदेश सरकार ने अध्यापकों की २२
वर्ष पुरानी मांग को मान तो लिया, लेकिन इसमें भी नए पेंच डाल दिए।
अध्यापकों की मूल विभाग में संवेलियन की मांग तो नहीं मानी, उल्टा नया
विभाग बनाकर नियुक्ति की जा रही है। इस नियुक्ति के लिए अध्यापकों से
विकल्प पत्र भरवाया जा रहा है।
इसमें कहा है कि नियुक्ति के बाद अध्यापक
पूर्व कार्यकाल को लेकर किसी भी तरह की मांग और समाधान को लेकर आपत्ति नहीं
ले पाएंगे। इधर, जो अध्यापक विकल्प भरकर इ-सर्विस बुक अपडेट करने के लिए
संकुल पहुंच रहे हैं, उन्हें भी खाली हाथ लौटना पड़ रहा है। इंदौर में अब
तक ११ फीसदी अध्यापकों ने विकल्प पत्र भरा है।
विकल्प पत्र के पेंच में
फंसे कई अध्यापकों ने जिला शिक्षा अधिकारी को पत्र लिखकर मार्गदर्शन मांगा
है, लेकिन अभी तक जिला शिक्षा अधिकारी की ओर से जवाब नहीं दिया गया है।
3535 की बुक अपडेट
जिले
में ४३०२ अध्यापक हैं। इनमें से ३५३५ अध्यापकों की इ-सर्विस बुक अपडेट हुई
है, लेकिन विकल्प पत्र भरने वाले ४५९ अध्यापकों की ही इ-सर्विस बुक
वेरिफाई हो पाई है। प्रदेश में इंदौर जिला ४४वें नंबर पर है।
छिन जाएगी वरिष्ठता
अध्यापकों
के अनुसार विभाग संवेलियन की जगह नियुक्ति कर रहा है। नियुक्ति में जो
विकल्प पत्र भरवाया जा रहा है, उसके बाद अध्यापकों की वरिष्ठता समाप्त हो
जाएगी। इसके साथ ही किसी भी पुरानी मांग पर विचार तक नहीं किया जाएगा। इधर
अध्यापक असंमंजस में है कि अगर विकल्प पत्र भर दिया तो इतने वर्षो की
वरिष्ठता छिन जाएगी और सरकार अपने हिसाब नई नियुक्ति दे दी
आज अंतिम तारीख
मप्र
राज्य स्कूल शिक्षा विभाग सेवा शर्तें व भर्ती नियम २०१८ के तहत अध्यापकों
की नियुक्ति कर रहा है। विकल्प पत्र के साथ इ-सर्विस बुक अपडेट करने का
काम २७ अगस्त से किया जा रहा है। हजारों अध्यापकों ने अपडेशन नहीं कराया
है। आज अंतिम तारीख है। इसके बाद संकुल स्तर पर कार्रवाई की जाएगी।