भोपाल, 3१ अगस्त। प्रदेश कांगे्रस अध्यक्ष कमलनाथ ने कहा है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को हमेशा चुनावी वर्ष में ही नौकरियों
में भर्ती की याद आती है। वे चुनावी वर्ष में बेरोजगारों को ठगने का काम
करते हैं और उनके सपनों को मार कर कहते हैं कि मैं युवाओं के सपनों को मरने
नहीं दूंगा।
कमलनाथ ने कहा कि शिवराज सरकार इस चुनावी साल में 40 हजार
शिक्षकों की भर्ती करने की बात कह रही है। इसके पहले भी इसी तरह के सपने
2013 के चुनावी वर्ष में भी दिखाये गये थे। उन्होंने कहा था कि अब हर साल
नियमित रूप से भर्तियां की जाएंगी। यह झूठ उन्होंने 2013 में परोसा था जो
आज तक पूरा नहीं किया। फिर चुनावी वर्ष में नौकरी का लालीपॉप दिखाकर युवाओं
को धोखा दे रहे हैं। पहले कहा था कि फरवरी 2018 में नियुक्तियां हो
जायेंगी। फिर कहा कि शिक्षा सत्र शुरू होने से पहले सभी नियुक्तियां हो
जायेंगी। अब कह रहे हैं कि चुनाव से पहले नियुक्तियां कर ली जायेंगी। किस
तरह से वे इन भर्तियों को चुनावी शिगूफा बना रहे हैं, यह इन झूठी घोषणाओं
से समझा जा सकता है। कमलनाथ ने कहा कि अब अगले महीने यानी सितम्बर में
आवेदन बुलाने की घोषणा की जा रही है। आवेदन बुलाने की प्रक्रिया में ही
30-40 दिन निकल जायेंगे। अक्टूबर माह में चुनाव की घोषणा संभावित है। तब वे
आचार संहिता का बहाना बनाकर भर्ती प्रक्रिया रोक देंगे। यानि शिवराज के
पिछले पांच साल के कार्यकाल में एक भी युवा बेरोजगार को शिक्षक की नौकरी
नहीं मिल पायेगी। इस परीक्षा को भी शिवराज सरकार व्यापमं जैसी बदनाम संस्था
से करने की बात कह रही है। जिस संस्था ने लाखों युवाओं का भविष्य चौपट
किया है और 50 से अधिक जाने गई हैं उस संस्था के नाम का अंगे्रजी रूपांतरण
कर फिर से उसी के माध्यम से परीक्षाएं कराना कहां तक न्याय संगत है? कमलनाथ
ने कहा है कि कुल मिलाकर प्रदेश के युवाओं को चुनावी वर्ष में ठगने की
कोशिश की जा रही है। उन्होंने कहा कि शिवराज सिंह सिर्फ सपने बेचने का काम
करते हैं, झूठी घोषणायें करते हैं, जो कभी पूरी नहीं होतीं। यदि ये गंभीर
होते तो प्रदेश के एक लाख 42 हजार प्रायमरी और मिडिल स्कूलों में शिक्षकों
की कमी को पूरा कर चुके होते। आज स्थिति यह है कि चार हजार स्कूल बिना
शिक्षकों के हैं और 17 हजार स्कूल मात्र एक शिक्षक के भरोसे चल रहे हैं।
उन्होंने युवाओं से आग्रह किया है कि वे शिवराज मामा के झांसे में न आयें
और एक नये समय का इंतजार करें।