लगभग दो महीने पहले जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय ने शिक्षक व सहायक
शिक्षकों की क्रमोन्नति के लिए सभी संकुल से पत्र भेज कर नाम मांगे थे।
नियमानुसार जिन शिक्षकों व सहायक शिक्षकों की क्रमोन्नति होनी थी उन सभी के
नाम संबंधित संकुल से जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय को भेज दिए गए थे।
जांच के नाम पर रोकी लिस्ट
संकुल से मंगाई गई शिक्षकों की क्रमोन्नति सूची सभी आवश्यक जानकारियों
के साथ गत जून माह में ही जिला शिक्षा अिधकारी कार्यालय को भेज दी गई थी,
लेकिन यहां पर यह लिस्ट जांच के नाम पर एक माह से अधिक समय तक रखी रही। जब
क्रमोन्नति की सूची जारी हुई तो उसमें अधिकतर योग्य शिक्षकाें के नाम गायब
थे। कुछ शिक्षकों का आरोप है कि पैसों के लेनदेन के इंतजार में लिस्ट को
रोक कर रखा गया था।
जानकारी लेकर कार्रवाई की जाएगी
 क्रमोन्नति के लिए भेजे गए कुछ शिक्षकों के नाम क्यों रोके गए
हैं, इस बारे में मुझे कोई जानकारी नहीं है। मैं इस मामले की जानकारी
लूंगी। नाम रुके हैं तो जल्द ही सूची जारी की जाएगी। इसके अलावा पैसे लेकर
सूची में नाम जोड़े जाने की कोई शिकायत हमारे पास नहीं आई हैं। यहां ऐसी कोई
गड़बड़ी नहीं हुई है। ममता चतुर्वेदी, प्रभारी जिला शिक्षा अिधकारी
मेरे समय सबसे अधिक सूचियां जारी हुईं
 हमने किसी के नाम जानबूझकर नहीं रोके। मेरे समय सबसे अधिक
क्रमोन्नति सूचियां जारी हुई हैं। शिक्षकों द्वारा लगाया गया पैसे लेने का
आरोप गलत हैं। क्रमोन्नति सूची के जो नाम रुक गए हैं उनके बारे में जानकारी
नहीं है। इस बारे में आप डीईओ से बात करें। आरएन नीखरा, रिटायर्ड जिला
शिक्षा अिधकारी
योग्यता के बाद भी नहीं है लिस्ट में नाम
 मैं क्रमोन्नति के लिए योग्य हूं, मेरी तीस वर्ष से अधिक की
सर्विस हो चुकी है। मेरा नाम क्रमोन्नति सूची में भेजा गया था, लेकिन जब
लिस्ट जारी हुई तो उसमें मेरा नाम नहीं था। इस संबंध में अब डाइट के
प्राचार्य को पत्र लिखा है। ओपी दीक्षित, उच्च श्रेणी शिक्षक