शिक्षा विभाग द्वारा शिक्षकों की उपस्थिति ऑनलाइन दर्ज करने के लिए एम
शिक्षा मित्र लागू किया गया है। जिसके तहत शिक्षकों को स्वयं व बच्चों की
उपस्थिति ई-अटेंडेंस के माध्यम से ही लगाना होगी। इससे शिक्षक समय पर स्कूल
पहुंचे या नहीं, इसकी जानकारी लग सकेगी।
शिक्षा विभाग द्वारा इसे चलाने व
उसकी विशेषता बताने के लिए सोमवार को नागदा व खाचरौद में एक साथ प्रशिक्षण
का आयोजन किया गया। सोमवार को प्रशिक्षण के दौरान ही शिक्षकों ने एम शिक्षा
मित्र का विरोध कर दिया। प्रत्येक संकुल पर आयोजित प्रशिक्षण में शिक्षकों
ने हस्ताक्षर और नारेबाजी कर विरोध जताया। इसे लेकर सभी शिक्षक संगठन भी
एकजुट नजर आ रहे हैं। सोमवार को शासकीय कन्या उमावि संकुल, बेरछा संकुल,
खाचरौद व उन्हेल में शिक्षकों ने विरोध जताया।
शिक्षकों का सवाल- सिर्फ शिक्षा विभाग में ही ई-अटेंडेंस क्यों
शिक्षक संगठन के वैदेश्य चंदेल, गोपीराम सैनी, संजय शर्मा, मुकेश
रघुवंशी ने बताया हम एम शिक्षा मित्र का विरोध नहीं कर रहे लेकिन यह
व्यवस्था प्रत्येक विभाग में होना चाहिए। क्या अन्य विभाग समय पर पहुंचते
हैं। इस आदेश से शिक्षकों की कार्यप्रणाली पर शासन सवाल खड़े कर रहा है।
जबकि शिक्षक समय पर पहुंचकर अपना दायित्व निभा रहे हैं।
शिक्षकों के मुताबिक एम शिक्षा मित्र एप विसंगतियों से भरा हुआ है। कई
बार स्कूल में पहुंचकर हाजिरी भरने के बावजूद एप मौके पर नहीं होना बता
देता है, तो कई बार हाजिरी लेने के बाद वापस जाना भी बता देता है। इसी तरह
कई गांवों में नेटवर्क ही नहीं मिल रहा है तो वहां हाजिरी शिक्षक कैसे
भरेगा। पिछले दिनों दो अप्रैल को सीएम हाउस पर आयोजित पंचायत में शिक्षकों
के आग्रह के बाद सीएम ने भी इसे लागू नहीं करने का आश्वासन दिया था, लेकिन
उसके बावजूद अब फिर से इसे लागू करने के लिए ट्रेनिंग लेकर शिक्षकों के
मोबाइल में इसे अपलोड करवाना और फिर इसके संचालन करने के तरीके को बताना ये
साफ करता है कि अधिकारी मुख्यमंत्री की बात का भी सम्मान नहीं रख रहे हैं।