प्रदेश के स्कूलों में अतिथि शिक्षकों के चयन का अधिकार संबंधित स्कूल के
हेड मास्टर या प्राचार्य को दिया गया था लेकिन वर्ष 2017 से अतिथि शिक्षकों
की चयन प्रक्रिया में बदलाव कर दिए गए हैं।
पिछले साल रजिस्ट्रेशन कराने
वाले आवेदकों को ही इस साल अतिथि शिक्षक बनाने के िनयम से प्रदेशभर के एक
लाख से अिधक लोग परेशान हैं। कुछ छात्रों की शिकायत पर डीबी स्टार ने इस
मामले में स्कूल शिक्षा विभाग के राज्य मंत्री दीपक जोशी से बात की तो उनका
कहना था कि इस मामले में अफसरों से जानकारी लेकर आगामी कार्रवाई की जाएगी।
योग्यता के हिसाब से चयन
प्राइमरी स्कूल: इंटर के साथ डीएड पास आउट आवेदक को प्राथमिकता, बिना डीएड पास वाले भी हैं योग्य।
मिडिल स्कूल: ग्रेजुएट के साथ बीएड किए हुए आवेदकों को प्राथमिकता, बिना बीएड पास आउट भी योग्य।
हाई स्कूल व हायर सेकंडरी स्कूल: पोस्ट ग्रेजुएट के साथ बीएड पास आउट आवेदक, बिना बीएड पास आउट भी योग्य।
हम योग्य हैं लेकिन अवसर नहीं दे रहे
 प्रदेश मेें ऐसे लाखों छात्र हंै जिन्होंने वर्ष 2017-18 मंेे
अतिथि शिक्षक बनने की योग्यता हासिल की है लेकिन वर्ष 2017 में रजिस्ट्रेशन
ना होने के कारण हम सभी इस च्वाइस फिलिंग से बाहर हो गए हैं। वर्ग एक के
लिए 4500, वर्ग दो को 3500 तथा वर्ग तीन के लिए 2500 रुपए वेतन निर्धारित
किया गया था। इस साल कितना वेतन मिलेगा, इसकी घोषणा शिक्षा विभाग ने अभी
नहीं की है। स्कूल शिक्षा विभाग को हर साल रजिस्ट्रेशन कराने चाहिए। यह गलत
है हम इसका विरोध करेंगे। विनोद शर्मा, आवेदक