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शिक्षक मना रहा था मौज, आठवीं का बालक कर रहा था यह कार्य

छिंदवाड़ा. आदिवासी अंचल के स्कूलों में शिक्षकों की गैर जिम्मेदाराना हरकत सामने आई है। शिक्षक नियमित स्कूल न जाकर गांव के ही एक बच्चे से स्कूल का संचालन करवा रहे हैं। इतना ही नहीं स्कूल के बच्चों को माध्याह्न भोजन भी नहीं नसीब हो रहा है जबकि स्कूल में दो शिक्षक पदस्थ हंै तथा दोनों ही मनमानी चरम पर है।
इसके कारण स्कूल में दर्ज करीब ३५ बच्चों के भविष्य पर काले बादल मंडरा रहे हैं। मॉनिटरिंग के अभाव में प्रशासन भी इस आेर ध्यान नहीं दे रहा है। इसीलिए स्थिति में कोई सुधार नहीं आ सका है।

कई-कई दिनों तक नहीं आते शिक्षक

मामला तामिया विकासखंड के बम्हनी संकुल अंतर्गत शासकीय प्राइमरी स्कूल गुड़ी ढाना का है। दरअसल, यहां प्रतिदिन स्कूल तो लगता है, लेकिन शिक्षक की जगह गांव का आठवीं कक्षा में अध्ययनरत बालक राकेश छात्र-छात्राओं को पढ़ाता है। बालक राकेश ने बताया कि एेसा करने के लिए उसे स्कूल के ही शिक्षक ने बोला है।

बारिश में होती है दिक्कत,माध्याह्न भोजन भी नहीं मिल रहा

शासकीय प्राइमरी स्कूल गुढ़ी ढाना का पहुंच मार्ग कच्चा है तथा बारिश में यातायात व्यवस्था बिगड़ जाती है। इस दौरान अधिकारी भी एेसे गांवों में स्थित स्कूलों का निरीक्षण करने से कतराते हैं। इसी बात का फायदा शिक्षक उठाते हंै। मुख्यालय पर मौजूद न रहकर आना-जाना करने के कई मामले सामने आए हैं, लेकिन प्रशासन मूकबधिर बना रहता है। इतना ही संकुल के प्राचार्य व जनशिक्षक भी कोई ध्यान नहीं देते हंै।

शिकायत मिली है

शासकीय प्राइमरी स्कूल गुढ़ी ढाना में बालक के पढ़ाने की शिकायत मिली है, इसकी जांच के लिए टीम गठित कराकर दो दिन में रिपोर्ट तैयार कर उच्चाधिकारी को सौंपी जाएगी।

जितेंद्र सिंह छोकर, बीआरसी तामिया

शिक्षकों का उक्त कृत्य निंदनीय है, इसकी जांच कराई जाएगी तथा दोषी पाए जाने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।


जीएल साहू, डीपीसी, जिला शिक्षा केंद्र छिंदवाड़ा

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