कुछ दिन तक थमने के बाद प्रदेश में मोबाइल एप एम शिक्षा मित्र से
ई-अटेंडेंस की तैयारी फिर तेज है। पहले की तरह इस बार भी कुछ बिंदुओं को
लेकर असमंजस है, इसी कारण प्रदेश के चार लाख कर्मचारी असमंजस में हैं।
दूसरी तरफ स्कूल शिक्षा विभाग ने एक बार फिर आदेश जारी कर दिया है पर इसके
मुताबिक बहुत कम जिलों में ट्रेनिंग हो सकी है। इसी कारण पहले की तरह कुछ
संगठन उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर रहे हैं।
जिले में एम शिक्षा मित्र की हद में आने वाले कर्मचारियों की संख्या
सात हजार है। इन्हें मोबाइल गवर्नेंस प्लेटफॉर्म एम शिक्षा मित्र की मदद से
ई-अटेंडेंस सहित अन्य काम के लिए कहा जा रहा है। एक साल से चल रही इस
प्रक्रिया के विरोध में ही अरविंद दीक्षित (अध्यापक संविदा शिक्षक संघ)
सहित अन्य 9 ने उच्च न्यायालय में याचिका दायर की। इन याचिकाओं पर 4 अप्रैल
को निर्णय हो चुका है। कोर्ट ने कहा था कि स्कूल शिक्षा विभाग 24 मार्च
2018 को दिए अभ्यावेदन का दो माह में निराकरण करे। इसके बाद विभाग ने 4
जुलाई को अध्यापक संविदा शिक्षक संघ के कार्यकारी प्रांताध्यक्ष अध्यक्ष
अरविंद दीक्षित के उन 23 बिंदुओं को लेकर स्थिति साफ कर दी है, जो उन्होंने
कोर्ट में अभ्यावेदन में पेश किए थे। इसके बाद भी पूरे मामले में आज भी
स्थिति साफ नहीं है कि टीचर को नए सत्र में क्या, कब और कैसे करना है?
आदेश आया पर नहीं हुई ट्रेनिंग: एम शिक्षा मित्र पर संभाग स्तर की
ट्रेनिंग हो चुकी है। जिलास्तर पर यह काम 12 जुलाई को जबकि ब्लॉक स्तर पर
16 जुलाई को ट्रेनिंग होनी थी पर ऐसा नहीं हो सका है। विभागीय सचिव के
निर्देश थे कि ट्रेनिंग के दौरान ही शत प्रतिशत टीचर व अन्य स्टाफ के
मोबाइल पर एप डाउनलोड करवा दिया जाए ताकि आगे परेशानी न आए।

अध्यापक संविदा शिक्षक संघ ने कहा, कुछ बिंदुओं पर अब भी भ्रम
कुछ बिंदुओं को स्पष्ट कराने फिर याचिका लगाएंगे
अध्यापक संविदा शिक्षक संघ के कार्यकारी प्रांताध्यक्ष अरविंद दीक्षित
के मुताबिक, विभाग ने एंड्रॉयड फोन खरीदने की बाध्यता नहीं रखी है जबकि 30
जून के आदेश में शत प्रतिशत एप डाउनलोड करने का आदेश है। यह कैसे संभव
होगा? मोबाइल खराब होने, गुम होने पर सहकर्मी के माध्यम से हाजिरी के
निर्देश हैं पर इसको लेकर कोई आदेश जारी नहीं हुआ है। आपसी मतभेद के चलते
भी यह संभव नहीं होगा। ऐसे स्कूल, जहां पर एक ही टीचर है, वहां यदि उसका
मोबाइल खराब होगा तो क्या होगा? क्योंकि अतिथि शिक्षकों को ई-अटेंडेंस के
लिए लिए अधिकृत नहीं किया गया है। श्री दीक्षित ने कहा, ऐसे ही कुछ बिंदु
और हैं जिन्हें लेकर वे सोमवार को फिर उच्च न्यायालय में याचिका दायर
करेंगे।