शिक्षा के स्तर को सुधारने और गुणवत्ता के लिए हर साल हाईस्कूल एवं हायर
सेकंडरी शिक्षकों को दी जाने वाले ट्रेनिंग में यदि शिक्षक गायब रहते या
लापरवाही करते है तो उन पर कार्रवाई होगी। ट्रेनिंग के दौरान पूरे समय
उपस्थित रहने के साथ क्या का सीखा इसका फीडबैक भी देना होगा।
जिले में 1200
से अधिक शिक्षकों को साल में 6 बार ट्रेनिंग दी जाती है। लेकिन अब शिक्षक
ट्रेनिंग को प्रभावी बनाने के और सतत मॉनीटरिंग के लिए ऑनलाइन व्यवस्था
रहेगी। इसे लेकर राज्य शिक्षा केंद्र ने पिछले दिनों आदेश जारी किए है। अब
शिक्षक ट्रेनिंग के दौरान उपस्थित रहना अनिवार्य होगा।
ऑनलाइन शिक्षक ट्रेनिंग के लिए डाइट प्राचार्य को यूजरनेम व पासवर्ड
दिए जा रहे है। बैच के लिए विज्ञान एवं गणित शिक्षकों को सेलेक्शन के बाद
डाइट प्राचार्य की ओर से ट्रेनिंग आदेश पोर्टल पर जनरेट किया जाएगा।
ट्रेनिंग में उपस्थित शिक्षकों की जानकारी तथा प्री-टेस्ट और पोस्ट टेस्ट
का विवरण प्रतिदिन पोर्टल पर डालना होगा। इसी प्रक्रिया से ही ट्रेनिंग
आदेश जनरेट होगा। डाइट का यूजर नेम के प्रारंभिक 4 अंक है। जैसे जिले के
डाइट यूजर नेम 2460 है प्रारंभिक पासवर्ड प्रदान किया गया है। इसे लॉगइन
करने के बाद पासवर्ड परिवर्तित किया जा सकता है। सरकारी स्कूलों में शिक्षा
की गुणवत्ता सुधारने के लिए नए शिक्षा सत्र में लागू किया है। फिर स्व
मूल्यांकन के लिए जिम्मेदारी दी जाएगी। इसके बाद स्कूल खुद को रैंकिंग देकर
रिपोर्ट ऑनलाइन न्यू पासवर्ड की वेबसाइट पर अपलोड करेंगे।
ऐसे होगी पूरे प्रोग्राम की मॉनिटरिंग
मॉनिटरिंग के लिए जिम्मेदार कार्यदल में राज्य स्तर से जनशिक्षा
केंद्र स्तर तक के प्रशासकीय, प्रबंधकीय एवं अकादमिक व्यक्तियों को शामिल
कर जिम्मेदारी साैंपी जाएगी। लक्ष्य की प्राप्ति के लिए कार्यक्रम की
नियमित समीक्षा की जाएगी। निरीक्षण अधिकारी मोबाइल से निरीक्षण रिपोर्ट
मुख्यालय को भेजेंगे। प्रशिक्षण लेने वाले शिक्षक फीडबैक ऑनलाइन देंगे। सभी
को मोबाइल पर लिंक उपलब्ध कराया जाएगा। समीक्षा में उभरे मुद्दों के आधार
पर पहले शाला स्तर पर फिर जनशिक्षा केंद्र, संकुल, विकासखंड, जनपद पर
समीक्षा कर कार्रवाई की जाएगी। इसके आधार पर ही रैंकिंग मिलेगी। डीईओ केसी
शर्मा ने बताया शिक्षा का स्तर सुधारने के लिए सभी स्कूलों में शाला सिद्धि
प्रोग्राम के तहत स्कूल प्राचार्यों को ट्रेनिंग दी जा रही है।