भास्कर संवाददाता | सागर : मप्र लोक सेवा आयोग द्वारा वर्ष 2018 में होने वाली असिस्टेंट
प्रोफेसर्स की भर्ती में इंटरव्यू नहीं होंगे। क्वालिफाइड उम्मीदवारों को
लिखित परीक्षा की मैरिट के आधार पर नियुक्ति दी जाएगी। साथ ही अतिथि
विद्वानों को दिए जाने वाले 20 अंक भी मैरिट सूची में ही जोड़ दिए जाएंगे।
इंटरव्यू न करने का फैसला सिर्फ इस बार की भर्ती पर ही लागू होगा।
सरकारी कॉलेजों में असिस्टेंट प्रोफेसरों की नियुक्ति लिखित परीक्षा के
आधार पर ही होगी। प्रदेश कैबिनेट ने यह फैसला किया है कि लिखित परीक्षा के
बाद प्रावीण्य सूची के आधार पर उम्मीदवारों का चयन किया जाएगा। मप्र लोक
सेवा आयोग ने सरकारी कॉलेजों में असिस्टेंट प्रोफेसरों के 3422 पदों पर
भर्ती के लिए विज्ञापन निकाला है। मौजूदा व्यवस्था में इस भर्ती में लिखित
परीक्षा के बाद इंटरव्यू का प्रावधान है, लेकिन इस बार केवल लिखित परीक्षा
ही होगी। इंटरव्यू का प्रावधान खत्म कर दिया गया है।
उच्च शिक्षा विभाग के मुताबिक असिस्टेंट प्रोफेसरों की भर्ती में खाली
पदों के तीन गुना क्वालिफाइड उम्मीदवारों को इंटरव्यू के लिए बुलाया जाता
है। 3422 पदों के हिसाब से करीब दस हजार उम्मीदवार इंटरव्यू में शामिल
होंगे। इतने उम्मीदवारों का इंटरव्यू लेने के लिए ज्यादा बोर्ड बनाना
होंगे। उम्मीदवारों की तादाद ज्यादा होने से इंटरव्यू में सालभर लग सकता
है। ऐसा हुआ तो विद्यार्थियों को अगले साल शिक्षक मिलेंगे। इस बीच विधानसभा
चुनाव भी हैं। इसकी आचार संहिता अक्टूबर में लग सकती है, इसीलिए सरकार
चाहती है कि जुलाई-अगस्त में नियुक्ति प्रक्रिया पूरी कर शिक्षकों की जल्द
ज्वाइनिंग करा ली जाए।
आवेदन की अंतिम तारीख 30 अप्रैल
पीएससी ने सहायक प्राध्यापक के 2968 पदों के लिए 12 दिसंबर 2017को
विज्ञापन निकाला था। 1 जनवरी से आवेदन प्रक्रिया शुरू होना थी। 3 जनवरी तक
लिंक नहीं खुली। 15 जनवरी से प्रक्रिया शुरू हुई। तब आवेदन करने की अंतिम
तारीख 14 फरवरी थी। 9 फरवरी को इसे संशोधित कर 1 मार्च कर दिया गया। फिर 15
मार्च तक आवेदन लिए गए।