मंडला अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठे जिले के अतिथि शिक्षकों की एकजुटता
५५वें दिन भी पहले की ही तरह बनी रही। हड़ताल के दौरान अतिथि शिक्षकों को
ये उम्मीद रही कि सरकार जल्द से जल्द किसी भी दिन
नियमितीकरण की मांग का
निराकरण करते हुए सीधा आदेश जारी करेगी, परंतु कोई ठोस संकेत प्राप्त नहीं
होने के कारण अतिथि शिक्षक
संघ ने अपनी रणनीति में बदलाव लाने का निश्चय किया है और धरना स्थल पर
शांतिपूर्वक आंदोलन करने के उदारवादी रवैये को आगामी २ अप्रैल २०१८ तक के
लिए निश्चित कर दिया है। बताया जा रहा है कि इसके बाद आंदोलन का तरीका बदल
दिया जाएगा। अब तक समर्थन देते आ रहे जनमानस के साथ मिलकर एक विशाल आंदोलन
शुरु किया जाएगा ताकि सो रही सरकार को तुरंत जागकर अतिथि शिक्षकों के हित
और सरकारी स्कूलों की बदहाली को सुधारने के लिए ठोस निर्णय लेना ही पड़े।
बताया गया है कि हाल ही में संपन्न हुई बैठक में इस बात का निर्णय लिया जा
चुका है। ये बैठक बेहद कम समय में अकस्मात ही बुलवाई गई थी। जिसमेें प्रदेश
अध्यक्ष भी शामिल हुए और बदलती रणनीति को हरी झंडी दिखाई।
जिला
अध्यक्ष पीडी खैरवार ने आंदोलन की प्रादेशिक रूप रेखा के बारे में बताया है
कि आगामी अप्रैल को एक शिष्ट मंडल सरकार के साथ वार्ता करने भोपाल जायेगा
जिसमें सकारात्मक जवाब नहीं आने पर संगठन द्वारा कड़ा से कड़ा फैसला लेकर
इस आंदोलन को उग्र और बड़े रूप में बदल कर नियमितीकरण तक डटे रहेंगे।
बेमियादी हड़ताल की निरंतरता बनाये रखने सदस्यता अभियान की तारीख आगे
बढ़ाने तथा कार्यकारणी का विस्तार करने आदि एजेंडों पर चर्चा करने के लिए
मंगलवार को धरना स्थल पर बड़ी मीटिंग बुलाई गई, इस दौरान अतिथि शिक्षकों के
भविष्य के बारे में अनेक चर्चांए की गई। धरना स्थल पर मुख्य रूप से
दुर्गेश नंदनी यादव, पुष्पा नंदा, सावित्री मांडवे, रवीना सरौते, प्रीति
कुंजाम, रेणु तिवारी, प्रतिभा द्विवेदी, उदय झरिया, प्रह्लाद झरिया, अरुण
झरिया, अखिलेश बेंद्रे, अरविन्द झरिया, सुनील मर्सकोले, महेंद्र सोनी आदि
सैकड़ों अतिथि शिक्षक धरना में शामिल रहे।