मंडला। नियमितीकरण को लेकर विगत दो माह से अनिश्चितकालीन हड़ताल जारी है।
इसी उम्मीद के चलते कि वे सरकार से अपना हक लेकर ही मानेंगे। जानकारी के
अनुसार, लंबे अरसे से हड़ताल पर डटे अतिथि शिक्षकों की उम्मीद अभी भी बंधी
हुई है क्योंकि उनका प्रतिनिधि मंडल मंगलवार को भी भोपाल में डटा रहा।
संगठन के जिलाध्यक्ष पीडी खैरवार ने जानकारी दी है कि इस समय प्रांतीय
संगठन सरकार से सम्पर्क कर नियमितीकरण के लिए वार्ता करने में लगा हुआ है।
प्रदेशाध्यक्ष शम्भूचरण दुबे के नेतृत्व में प्रतिनिधि मंडल भोपाल में तीन
दिनों से डेरा डाले हुए है।सचिवालय, मंत्रालय और विभागीय अधिकारियों,
मंत्रियों से लगातार संपर्क जारी है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार
पूर्व में अतिथि शिक्षकों के लिए बनाये गये संविदा शाला भर्ती परीक्षा
नियमों तक ही समेट कर रखने की बात में सरकार अड़ी हुई है। जिन नियमों में
संविदा शिक्षक के लिए स्वीकृत पद संख्या का 25 प्रतिशत आरक्षण, उम्र में 09
साल की छूट और 03 साल की वरीयता आदि शामिल है। इससे अतिथि शिक्षकों को
किसी तरह का लाभ नहीं मिलने वाला है। जबकि शतप्रतिशत अतिथि शिक्षकों को लाभ
देने की मांग को पूरा कराने प्रतिनिधि मंडल मंगलवार को भी भोपाल में
जिम्मेदारों के संपर्क में रहा। जिलाध्यक्ष खैरवार का कहना है कि वार्ता के
नतीजे का इंतजार पूरा प्रदेश कर रहा है।
कहा जा रहा है कि अतिथि शिक्षक
भी- अबकी बार अंतिम प्रहार, लड़ेंगे तो जीतेंगे के नारों को साथ लेकर
मैदान में डटे हुए हैं। इनका कहना है कि सरकार सकारात्मक जवाब देती है तो
ठीक अन्यथा बहुत ही बड़े रूप में सरकार की नीतियों के खिलाफ जंग छेडऩे की
रणनीति बनाई जा चुकी है। इस समय पूरे प्रदेश की ओर से प्रतिनिधित्व करने
शम्भूचरण दुबे, शिवोम् मिश्रा, राजकुमार कुशवाहा, नवीन शर्मा, अश्विनी
यादव, बीएम खान आदि भोपाल में बने हुए हैं। इधर मंडला धरना स्थल पर अरुण
झारिया, सुनील मर्सकोले, गन्ना पंद्रो, दुर्गा श्रीवास, दुर्गेश नंदनी,
राजेश पटैल, राजेश बेंद्रे, भगत सिंह मुख्य रूप से शामिल हुए। जिले के
समस्त अतिथि शिक्षकों से हक की लड़ाई में सहभागी बनने और भोपाल में हो रही
कार्रवाई जानने के लिए धरना स्थल पर आवश्यक रूप से पहुँचने की अपील की गयी
है।