Important Posts

Advertisement

ऐसे समझें नियमों का गणित , 32 हजार पद भरने का मामला ठंडे बस्ते में

प्रदेश में सरकारी स्कूलों में शिक्षकों के 32 हजार पद भरने का मामला ठंडे बस्ते में है। अध्यापकों को शिक्षा विभाग में शामिल करने की मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद अफसर इस बात पर माथापच्ची कर रहे हैं कि खाली पदों पर नियमित शिक्षक रखे जाएं या मौजूदा नियमों के मुताबिक संविदा शिक्षकों की भर्ती करें।
यही वजह है कि नए उम्मीदवारों के लिए सरकारी नौकरी के दरवाजे खुल नहीं पा रहे हैं। बता दें कि प्रदेश में शिक्षकों के 31 हजार 645 पद खाली हैं। इनमें वर्ग-1 के 10 हजार 905, वर्ग-2 के 11 हजार 200 और वर्ग-3 के 9 हजार 540पद शामिल हैं।

ऐसे समझें नियमों का गणित

मौजूदा अध्यापक पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग का हिस्सा हैं। इन्हें वेतन तो शिक्षा विभाग देता है, लेकिन नियुक्ति पंचायत विभाग से संविदा शिक्षक के रूप में होती है। संविदा शिक्षक तीन साल बाद अध्यापक बनते हैं। विभागीय अधिकारियों के मुताबिक अध्यापकों को शिक्षा विभाग में लेने पर मौजूदा नियम बदलना होंगे। इससे संभव है कि पंचायत विभाग के तहत बने संविदा शिक्षक भर्ती नियम भी खत्म हो जाएं। तब संविदा वर्ग-1, 2 एवं 3 पर भर्ती नहीं हो सकेगी। ऐसी सूरत में नए शिक्षकों को एलडीटी (सहायक शिक्षक), यूडीटी (उच्च श्रेणी शिक्षक) और लेक्चरर ही रखना होंगे। इसी चक्कर में मामला अटका है।

UPTET news

Facebook