जनजातीय
कार्य विभाग और राज्य शिक्षा केंद्र द्वारा जारी नए निर्देशों को लेकर
मंगलवार को बीआरसी भवन में विकासखंड के शिक्षकों की बैठक हुई। बीईओ
सतीशचंद्र पाटीदार ने प्रशिक्षण देते हुए बताया सहायक आयुक्त ब्रजेश कुमार
पांडे के आदेशानुसार विभागीय योजनाओं में लाभ लेने के लिए नए सॉफ्टवेयर के
अंतर्गत हितग्राही प्रोफाइल पंजीकरण किया जाना है।
पंजीकरण के लिए
हितग्राही के आधार नंबर, जाति प्रमाण पत्र, समग्र परिवार आईडी, बैंक अथवा
पोस्ट ऑफिस खाते को आधार से लिंक आदि की जानकारी की आवश्यकता होगी। इसे
एकत्रित कर हितग्राहियों का प्रोफाइल पंजीकरण कार्य 15 अप्रैल तक पूर्ण
करना है।
बीआरसी मनोज दुबे ने नए शैक्षणिक सत्र 2 अप्रैल से होने वाली
गतिविधियों की जानकारी दी। बीएसी हितेंद्रसिंह ठाकुर ने जॉयफुल लर्निंग के
बारे में विस्तार से बताया। बीआरसी दुबे ने बताया अप्रैल और जून के कुल 45
दिनों में शिक्षक, बच्चों की मूलभूत दक्षताओं के उन्नयन के लिए 120
आनंददायी अधिगम गतिविधियां कराएंगे। इस कार्यक्रम को जॉयफुल लर्निंग नाम
दिया है। खेल, कहानी, कविता सहित करीब 120 गतिविधियों को आनंददायक तरीके से
शिक्षकों को कराना होगा। इसके पीछे उद्देश्य यह है कि सीखने की प्रक्रिया
छोटी कक्षाओं में आनंददायी वातावरण में हो। इसकी व्यापक स्तर पर अधिकारी
मॉनिटरिंग करेंगे।
मॉनिटरिंग की शुरुआत 2 अप्रैल से ही होगी यानी नए सत्र के पहले दिन ही
स्कूलों में बच्चों और अभिभावकों की उपस्थिति में बालक- पालक सम्मेलन,
मातृशक्ति सम्मेलन, बालसभा आदि के आयोजन भी कराए जाएंगे।
डही में शिक्षकों की बैठक में निर्देश देते स्थानीय शिक्षा अधिकारी।
45 दिन चलेगा आनंददायक गतिविधियों का आयोजन
प्रत्येक दिन के लिए निर्धारित आनंददायक गतिविधियों का आयोजन शुरू
होगा जो 45 दिन चलेगा। बैठक में शिक्षकों ने भी प्रवेश उत्सव को लेकर अपनी
कार्य योजना बताई। क्षेत्रीय संस्कृति अनुसार वह इस दिन स्कूलों में
नुक्कड़ नाटक, रैलियां और अन्य आयोजनों के साथ गांव में पहुंचेंगे तथा
बच्चों को स्कूल लाने के लिए प्रेरित करेंगे। साथ ही उनकी स्कूल में पढ़
चुके वे विद्यार्थी जो उच्च पदों पर आसीन है, उनके फ्लेक्स बनाकर उनकी फोटो
के साथ जानकारी का प्रदर्शन करेंगे। इसके माध्यम से यह प्रेरणा दी जाएगी
कि जब इसी स्कूल का फलां विद्यार्थी इस मुकाम तक पहुंच सकता है तो आपका
बच्चा क्यों नहीं। इसे लेकर बैठक में कार्य योजना बनाई गई। 2 अप्रैल से
उपस्थिति मोबाइल एप के माध्यम से लगेगी। बैठक में कुछ शिक्षकों ने बताया कि
उन्हें पासवर्ड उपलब्ध नहीं होने के कारण वह एप डाउनलोड नहीं कर पा रहे
हैं। ऐसे में अधिकारियों ने लेखापालों से कहा है कि वह अपने संकुल के
शिक्षकों को पासवर्ड उपलब्ध कराएं और इस काम में लापरवाही ना बरतें।