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जिन अतिथि शिक्षकों को निकाला वे अब भी पढ़ा रहे

आंदोलन के चलते प्रदेश सरकार ने अतिथि शिक्षकों की सेवा 28 फरवरी को समाप्त कर दी है। स्कूलों में चल रही परीक्षा प्रभावित ना हो इसलिए अतिथि शिक्षक आज भी सेवा दे रहे हैं। इनकी संख्या 250 से ज्यादा हैं।


अतिथि शिक्षकों की सेवाएं 30 अप्रैल को समाप्त की जाती है इस बार दो महीने पहले इन्हें बंद कर दिया है। जिले में 850 अतिथि शिक्षकों की सेवाएं समाप्त की है। ये परमानेंट करने की मांग को लेकर फरवरी में आंदोलन कर रहे थे। इसे देखते हुए प्रदेश सरकार ने सेवाएं समाप्त कर दी। कई स्कूल ऐसे जहां अतिथि शिक्षक ही है। कई स्कूल में एक शिक्षक और बाकी अतिथि है। इनकी ड्यूटी पांचवीं-आठवीं की परीक्षा में अन्य स्थानों पर केंद्राध्यक्ष के रूप में लगा दी है। इससे ये शिक्षक केंद्रों में जाकर परीक्षा ले रहे हैं। 250 से अधिक अतिथि शिक्षक सेवाएं दे रहे हैं। हालांकि इन शिक्षकों को वेतन नहीं मिलेगा क्योंकि इनकी सेवाएं समाप्त कर दी गई है। बावजूद ये बच्चों और साथी शिक्षकों की सुविधा को देखते हुए सेवा दे रहे हैं। हालांकि सेवा समाप्त होने के बाद स्कूलों में सेवा नहीं दे सकते हैं।

वेतन जारी नहीं होगा

प्रभारी डीईओ अमर वरधानी ने बताया सभी की सेवाएं 28 से समाप्त कर दी है। किसी का वेतन आहरण नहीं किया जाएगा। यदि कोई शिक्षक पढ़ा रहा है तो पढ़ा सकता है। अब कोई स्कूल में सेवा देना चाहे तो वे दे सकता है।

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