शिक्षा
विभाग ने पिछले कुछ समय से शिक्षकों भर्ती की कवायद तेज कर दी थीं। 25
फीसदी सीटें अतिथि शिक्षकों के लिए आरक्षित करने के बाद फरवरी में नए
ड्राफ्ट का प्रारंभिक गजट नोटिफिकेशन भी जारी हो गया है। सूत्रों की मानें
तो पीईबी ने पात्रता परीक्षा कराने के लिए विभाग को मार्च की तारीखें भी
अलॉट कर दी थीं।
इसी बीच अध्यापकों के संविलियन की घोषणा हो गई। यानी यह
मामला नहीं फंसता तो वेकेंसी निकल चुकी होती।
संविलियन और भर्ती दोनों कैसे
प्रदेश में आखिरी बार 2012 में संविदा शाला शिक्षक भर्ती हुई थी।
नियमानुसार हर तीन साल में भर्ती का नियम है, लेकिन छह सालों से भर्ती नहीं
हुई। मंत्री और अधिकारी दोनों अध्यापकों के संविलियन के साथ भर्ती का भी
दावा कर रहे हैं। हकीकत यह है अभी संविलियन पर ही कानूनी राय-मशविरा हो रहा
है। छह माह बाद विधानसभा चुनाव की आचार संहिता लगने वाली है। यानी तब तक
अध्यापकों का शिक्षा विभाग में संविलियन और नई भर्ती दोनों काम पूरे हो
जाएंगे, इसके आसार कम ही नजर आते हैं।
शिक्षक भर्ती की कार्रवाई जारी
 शिक्षकों की भर्ती तो करेंगे। उसकी कार्रवाई चल रही है। वह किस
रूप में होगी, यह सरकार तय करेगी। गजट में भर्ती का प्रारंभिक नोटिफिकेशन
जारी हो चुका है। मुख्यमंत्री की घोषणा के अनुरूप क्या बेहतर होना चाहिए,
कानूनी सलाह लेकर उस पर आगे की कार्रवाई कर रहे हैं। दीप्ति गौड़ मुखर्जी,
प्रमुख सचिव, स्कूल शिक्षा
अप्रैल में साफ होगी स्थिति
 आचार संहिता अभी दूर है। शिक्षकों की भर्ती भी होगी। अध्यापकों
के संविलियन के बाद इस पर भी देखेंगे कि कितने पद रह जाते हैं। शिक्षकों की
भर्ती पर अप्रैल में स्थिति साफ होगी। दीपक जोशी, राज्य मंत्री, स्कूल
शिक्षा