उज्जैन. विश्वविद्यालय की परीक्षाओं में पारदर्शिता लाने के लिए अब
सीसीटीवी कैमरों को अनिवार्य किया जाएगा। इसी के साथ पीएचडी साक्षात्कार
(वायवा) की भी वीडियो रिकॉर्डिग करवाने के निर्देश दिए गए। यह निर्णय
मध्यप्रदेश विश्वविद्यालयों की समीक्षा बैठक में हुए। इस बिंदुओं का पालन
सभी विश्वविद्यालय को करना है। इस बैठक में समस्त विवि के कुलपति, कुलसचिव व
अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।
मध्यप्रदेश विश्वविद्यालय की समीक्षा बैठक
शिक्षक, कर्मचारी व शिक्षा संबंधी मामलों पर चर्चा हुई। इसमें
विश्वविद्यालयों के मिलने वाली ब्लॉक ग्रांट पर चर्चा हुई। इसमें
विश्वविद्यालयों में स्वीकृत शिक्षकीय पद के वेतनमान के अनुरूप ब्लॉक
ग्रांट होने का विषया है। यह प्रकरण शासन के समक्ष रखा जाएगा। इसी के साथ
विश्वविद्यलायों में संचालित होने वाले सेल्फ फाइनेंस कोर्स के लिए
शैक्षणिक पदों पर होने वाली नियुक्ति के लिए नई नीति बनाने पर चर्चा हुई।
वर्तमान में समस्त विश्वविद्यालयों में काफी संख्या में सेल्फ फाइनेस कोर्स
संचालित हो रहे हैं, लेकिन इन कोर्स के स्थाई शिक्षकों की कमी है। स्थाई
शिक्षकों की भर्ती के लिए काफी बड़ी प्रक्रिया और शासन की अनुमति की जरूरत
है। वहीं कुछ समयावधि बाद कोर्स के प्रति विद्यार्थियों का रुझान घटने व
बढऩे लगता है। ऐसे स्थाई शिक्षक नियुक्ति में काफी समस्या आती है, इसलिए अब
नई नीति पर चर्चा हुई, ताकि नियुक्ति प्रक्रिया और शिक्षकों की समस्या को
खत्म किया जा सकें। वहीं कुछ समयावधि बाद कोर्स के प्रति विद्यार्थियों का
रुझान घटने व बढऩे लगता है। ऐसे स्थाई शिक्षक नियुक्ति में काफी समस्या आती
है, इसलिए अब नई नीति पर चर्चा हुई, ताकि नियुक्ति प्रक्रिया और शिक्षकों
की समस्या को खत्म किया जा सकें।
दैवेभो को मिलेगा स्थाई कर्मचारी का दर्जा
मध्यप्रदेश
शासन ने समस्त विभागों में कार्यरत दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों को स्थाई
करने का निर्णय लिया है। इसके अनुरूप प्रक्रिया भी जारी है, लेकिन
विश्वविद्यालय में यह निर्णय लंबित है। बैठक में जानकारी दी गई कि यह
प्रस्ताव वित्त विभाग के समक्ष गया है। जल्द ही उक्त प्रकरण पर निर्णय हो
जाएगा।