संविदा शाला शिक्षक भर्ती (वर्ष 2006, 2009 और 2011) में हुए फर्जीवाड़े के
बाद भिंड जनपद के शिक्षकों से प्रशासन तो रिकार्ड मांग रहा है। लेकिन अटेर
जनपद के शिक्षक बेधड़क नौकरी कर रहे हैं। जबकि अटेर की भर्ती से संबंधित
रिकार्ड भी प्रशासन के पास नहीं है।
इस मामले में अटेर बीईओ दफ्तर के जनपद
अटेर में अटैच एक बाबू को निलंबित कर उनके खिलाफ केस दर्ज कराया जा चुका
है। लेकिन इसके बाद से मामला ठंडे बस्ते में पड़ा हुआ है, जिससे इस
फर्जीवाड़े में शामिल अधिकारी कर्मचारी कार्रवाई से बचे हुए हैं।
वर्ष 2006, 2009 और 2011 में हुई संविदा शाला शिक्षक भर्ती में गड़बड़ी
को लेकर ग्वालियर हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका प्रचलित है। इस मामले में
प्रशासन भिंड जनपद से गायब 73 शिक्षकों का रिकार्ड खंगालने में लगा हुआ है।
लेकिन इसी समय के अटेर जनपद के माध्यम से भर्ती हुए करीब 80 शिक्षकों को
लेकर प्रशासन कतई गंभीर नहीं है। जबकि इनका भी जनपद से पूरा रिकार्ड गायब
है। अफसरों का कहना है कि इस मामले में अटेर बीईओ दफ्तर के अटेर जनपद
कार्यालय में अटैच बाबू विनोद पांडेय पर एफआईआर दर्ज हो गई है। अब उनसे
रिकार्ड लेने की जिम्मेदारी पुलिस की है। ऐसे में फर्जी दस्तावेजों से
नौकरी पाने वाले शिक्षक बेधड़क प्रतिमाह शासन से वेतन ले रहे हैं। जबकि
जिम्मेदार अफसरों के ध्यान न दिए जाने से पूरा मामला ठंडे बस्ते में पड़ा
हुआ है।
अटेर जनपद में अटैच बाबू पर एफआईआर होने के बाद से ठंडे बस्ते में पड़ा है मामला
भर्ती की एकीकृत मूल सूची ही गायब
यहां बता दें कि वर्ष 2006, 2009 और 2011 में हुई संविदा शाला
शिक्षक वर्ग दो और तीन की भर्ती सीधे जनपद पंचायत स्तर पर हुई थी। ऐसे में
अटेर और भिंड जनपद में काफी फर्जीवाड़ा हुआ था। इसकी जब जांच हुई तो उस समय
की भर्ती का रिकार्ड गायब हो गया है। अटेर जनपद पंचायत में आज तक उक्त
भर्ती की मूल एकीकृत सूची गायब है, जिसमें उम्मीदवारों को डीएड/ बीएड के
अंक दिए गए थे।
दस्तावेज का कराया जा रहा वेरीफिकेशन
भिंड जनपद के शिक्षकों का जिला पंचायत से रिकार्ड मांगा जा रहा
है। इन्हें अब तक चार मौके दिए जा चुके हैं, जिसमें से 12 शिक्षक जहां
नियुक्ति स्थल से ही गायब है। वहीं शेष 43 में से 22 ने अपने दस्तावेज दिए
हैं, जिनका वेरीफिकेशन कराया जा रहा है। बताया जा रहा है कि इसमें से 10 के
दस्तावेज संदिग्ध हैं।
शिक्षकों को सुनवाई के लिए एक और मौका
भिंड
जनपद के शिक्षकों को सुनवाई के लिए एक और मौका दिया गया है। अटेर जनपद के
शिक्षकों के रिकार्ड गायब के मामले में संबंधित बाबू पर एफआईआर दर्ज करा दी
गई है। अब पुलिस को रिकार्ड ढूंढ़कर देना है। जब वे हमें रिकार्ड देंगे तब
आगे कार्रवाई होगी। एसएन तिवारी, डीईओ, भिंड