दो साल पहले शिक्षकों के विरोध व जीपीएस संबंधी परेशानियों के चलते फेल हुए एम-शिक्षा मित्र से अब दोबारा निगरानी होगी। नया एप इस बार नए कलेवर में तैयार किया गया है। इस एप के अपडेट वर्जन से न सिर्फ शिक्षकों की निगरानी होगी बल्कि विद्यार्थियों की उपस्थिति से लेकर आरटीई, छात्रवृत्ति, योजना आदि की पूरी जानकारी होगी।
स्कूलों में समय पर नहीं पहुंचने, तय समय से पहले स्कूल छोड़ने या बिना बताए अनुपस्थित रहने वाले शिक्षकों को ट्रेस करने के लिए एम शिक्षा मित्र दोबारा शुरू किया जा रहा है। डीपीआई द्वारा जारी आदेशानुसार 1 अप्रैल से राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (एनआईसी) भोपाल की ओर से तैयार किया गया एम-शिक्षा मित्र मोबाइल एप से कर्मचारियों व शिक्षकों के साथ-साथ बच्चों की उपस्थिति ऑनलाइन दर्ज की जाएगी।
शिक्षकों के विरोध के बाद बंद किया गया था एप
पायलट प्रोजेक्ट के रूप में 2015 में इसे शुरू किया गया। सफलता के बाद पूरे प्रदेश में लागू किया गया। शिक्षकों ने जमकर विरोध किया। तकनीकी खामियों की शिकायत की। उन्होंने आरोप लगाया जीपीएस व लोकेशन में परेशानी है। गांव में उपस्थित दर्ज कराते हैं तो लोकेशन शहरी क्षेत्र की बताता है। इन खामियों के चलते इसे बंद करना पड़ा।
एप के नए फीचर्स में होगा ये खास
पहले पेज पर शिक्षक, स्कूल, विद्यार्थी और आरटीई सहित ज्ञानार्जन नाम से छह विकल्प होंगे।
राज्य, सरकारी, सीपीआई, राज्य शिक्षा केंद्र, आरएमएसए व ज्वाइंट डायरेक्टर की जानकारियां व पत्र देख सकेंगे।
वेतन पर्ची, उपस्थिति, छुट्टी का आवेदन, कक्षावार उपस्थिति, शिकायत करने की भी सुविधा।
स्कूल अंतर्गत सरकारी स्कूल, निजी स्कूल, एनरोलमेंट, आज की उपस्थिति सहित अन्य जानकारी मिलेगी।
पुस्तक - गणवेश वितरण की जानकारी रहेगी।
विद्यार्थी विकल्प में योजनाएं व छात्रवृत्ति की स्थिति, आरटीई में आवंटन, प्रवेश व अन्य जानकारी मौजूद रहेगी।
अब एप डाउनलोड करना अनिवार्य होगा
नए सत्र में सभी शिक्षकों को एप डाउनलोड करना अनिवार्य होगा। इसके माध्यम से उन्हें विभाग की सभी जानकारी ऑनलाइन प्राप्त होगी। वे अपनी छुट्टी के आवेदन दे सकेंगे और वेतन पर्ची आसानी से ले सकेंगे।