अप्रशिक्षित शिक्षकों को प्रशिक्षित शिक्षक बनाने के लिए राष्ट्रीय मुक्त
विद्यालयी शिक्षा यानी एनआईओएस के तहत कराए जा रहे डीएलएड कोर्स के लिए
आवंटित हुए स्टडी सेंटर ही प्रशिक्षणार्थियों को मुसीबत बन गए हैं।
ऐसे में प्राइवेट स्कूलों में नाम मात्र के वेतन पर काम कर रहे
शिक्षकों के सामने यह समस्या खड़ी हो गई है कि वे इन केंद्रों पर जाकर अपनी
पढ़ाई पूरी करें या वह नौकरी बचाएं, जिससे उनका घर चल रहा है। इन शिक्षकों
का कहना है कि केंद्र आवंटन में बेहद विसंगतियां हैं। डीएलएड स्टडी सेंटर
पर ज्वाइनिंग न मिलने से शनिवार को पृथ्वीपुर में कई प्रशिक्षाणार्थी
परेशान होते रहे। विपरीत सेंटर बनाए जाने के खिलाफ प्रशिक्षणार्थियों ने
जिला शिक्षा अधिकारी से शिकायत दर्ज करवाई थी। जिसके बाद सेंटरों में
संशोधन किया गया था, लेकिन शनिवार को कुछ प्रशिक्षणार्थियों को सेंटर पर ही
ज्वाइनिंग नहीं दी गई।
स्कूल का नाम और कोऑर्डीनेटर का नाम अंकित था
शासकीय बालक उत्कृष्ट उमावि पृथ्वीपुर में अप्रशिक्षित शिक्षक अपना
प्रवेश पत्र लिए घूमते रहे, लेकिन शासकीय बालक उत्कृष्ट उमावि के प्राचार्य
आरडी वर्मा ने ज्वाइनिंग देने से साफ मना कर दिया। जबकि अप्रशिक्षित
शिक्षकों के प्रवेश पत्र पर स्कूल का नाम और कोऑर्डीनेटर का नाम अंकित था।
इस संबंध में प्राचार्य आरडी वर्मा का कहना है कि मेरे पास डीईओ ऑफिस से
कोई आदेश नहीं आया है। इस कारण डीएलएड के छात्रांे को ज्वाइनिंग नहीं दी
है। अगर डीईओ आदेश जारी करते हैं तो प्रशिक्षणार्थियों को ज्वाइनिंग दी
जाएगी। डीईओ बीएल लुहारिया का कहना है कि जिन स्कूलों में अप्रशिक्षित
शिक्षकों को प्रशिक्षित करना है उन्हें आदेश जारी किए जा चुके हैं। अगर
किसी स्कूल के कोऑर्डीनेटर ने प्रशिक्षणार्थियों को ज्वाइनिंग नहीं दी है
तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।