मध्य प्रदेश सरकार ने सरकारी कर्मचारियों को बड़ा तोहफा दिया है. मंगलवार को हुई शिवराज कैबिनेट की बैठक में राज्य
कर्मचारियों को पेंशन का पैसा नौकरी के दौरान भी निकालने की अनुमति दी
है.
इसका फायदा उन कर्मचारियों को मिलेगा जिनकी नियुक्ति एक जनवरी 2005 के
बाद हुई. इसके साथ ही कर्मचारियों को पेंशन धन पर लोन लेने की छूट भी
मिलेगी.
इसके अलावा सरकार ने तेंदूपत्ता संग्राहकों को दर्घटना के वक्त मिलने वाली
आर्थिक मदद के नियमों में भी संशोधन किया है. कैबिनेट के फैसले के मुताबिक
तेंदुपत्ता संग्राहकों को अब मृत्यु के बाद एक मुश्त 2 लाख रुपए दिए
जाएंगे.
कैबिनेट ने मध्य प्रदेश में खुलने वाले 7 नए मेडिकल कॉलेजों में होने वाली
नियुक्ति को लेकर भी एक बड़ा फैसला किया है. अब इन मेडिकल कॉलेजों में
नियुक्तियां पीएससी के बजाए चिकित्सा शिक्षा विभाग की हाई लेवल कमिटी
करेगी. इसके लिए कमिश्नर की अध्यक्षता में समिति गठित कर सरकार नियुक्ति को
लेकर सुझाव मांगेगी.
कैबिनेट ने पर्यटन विभाग की योजनाओं के प्रचार प्रसार के लिए 300 करोड़
रुपए के फंड को मंजूरी देने के अलावा मुख्यमंत्री ग्रामीण पेयजल योजना के
लिए 2979 करोड़ रुपए को भी मंजूरी दी है. स्कूल भवनों के निर्माण के लिए
कैबिनेट ने 9 करोड़ रुपए मंजूर करने के अलावा आरटीई के तहत निजी स्कूलों को
होने वाले ट्यूशन फीस के भुगतान को भी मंजूरी दी है. इसके लिए कैबिनेट की
ओर से एक हजार सात सौ छ करोड़ रुपये की मंजूरी दी गई है.
कैबिनेट
ने उत्कृष्ट विद्यालय और मॉडल स्कूलों में तीन साल के लिए छात्रावास
सुविधा को अनुमति दी है. कैबिनेट ने निवेश प्रोत्साहन योजना को 2020 तक के
लिए जारी रखे जाने के लिए 4 हजार 605 करोड़ के बजट को मंजूरी दी है. उद्योग
विभाग के तहत एमपी ट्रायफेक को अनुदान योजना के तहत अठारह करोड़ की राशि
मंजूर की है.
साथ ही कैबिनेट ने चार जिलों बुरहानपुर, अनूपपुर, अशोकनगर और आगर-मालवा में
मलेरिया अधिकारी के नए कार्यालय खोले जाने के लिए 84 पदों को मंजूरी दी
है. कैबिनेट ने बाणसागर समूह जल प्रदाय योजना के लिए 106 करोड़ रुपये का
अनुमोदन भी किया है. कैबिनेट ने ग्वालियर व्यापार मेला प्राधिकरण को अनुदान
योजना के अमल के लिए तीन वित्त वर्ष के लिए चार करोड़ रुपए की राशि मंजूर
की है.