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जैमरों की निगरानी में हो सकती है शिक्षक परीक्षा

मंडला. परीक्षाओं में फर्जीवाड़े को लेकर सुर्खियों में रहने वाले व्यावसायिक परीक्षा मंडल - पीईबी नकल पर नकेल कसने के लिए नई व्यवस्था लागू कर रहा है। इसके तहत आगामी परीक्षाओं में केंद्रों पर जैमर का प्रयोग किया जाएगा ताकि छात्र किसी भी प्रकार के इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का उपयोग नकल के लिए न कर सके।
हाल में आयोजित की गई कुछ परीक्षाओं में अभ्यर्थी ब्लूटूथ सहित विभिन्न प्रकार की डिवाइस लेकर नकल करते पकड़े गए थे। इसमें मोबाइल फोन भी शामिल हैं। मोबाइल फोन चालू अवस्था में मिलने पर उक्त अभ्यर्थियों के खिलाफ नकल का प्रकरण दर्ज किया गया और पुलिस में भी शिकायत की गई।
बटन जितनी डिवाइस भी
कुछ समय पूर्व ग्वालियर में पीईबी की परीक्षा में एक अभ्यर्थी बटन जितनी डिवाइस लेकर पहुंचा था। यह भी ब्लूटूथ डिवाइस थी। बताया जाता है कि उक्त अभ्यर्थी के ही किसी साथी ने परीक्षा के दौरान मुखबिरी की थी और वह पकड़ा गया। कई अन्य मामलों में भी इस प्रकार की डिवाइस मिली है जिसे आसानी से देखा नहीं जा सकता।
यही कारण है कि इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस से नकल रोकने के लिए पीईबी परीक्षा केंद्रों पर जैमर लगाने की तैयारी कर रहा है। संविदा शिक्षक भर्ती परीक्षा में इसे लगाया जाएगा। इसी के साथ क्वालिटी कंट्रोल अधिकारी की परीक्षा में भी परीक्षा केंद्रों पर जैमर लगाए जाने का प्रस्ताव है। यह परीक्षा जबलपुर, ग्वालियर, भोपाल, इंदौर और सागर में होना है।
पीईबी संविदा शिक्षक भर्ती परीक्षा में जैमर लगाने की तैयारी पूरे जोर शोर से कर रहा है। । इससे एक ओर संविदा शिक्षक परीक्षा के अभ्यर्थी आशांवित हैं तो कही आशंकित भी क्योंकि पटवारी परीक्षा में थंब मशीन के काम न करने का खामियाजा अंतत: परीक्षार्थियोंं को ही चुकाना पड़ा था। संविदा शिक्षक परीक्षा के अभ्यर्थियों नितिन चतुर्वेदी, मनीष ठाकुर, अभिनव तिवारी, आकांक्षा तिवारी, महेंद्र श्रीवास्तव आदि का कहना है कि कोई भी नई व्यवस्था लागू करने से पहले प्रदेश शासन द्वारा उसकी भली भांति टेस्टिंग नहीं की जाती। इसका खामियाजा अंतत: परीक्षा में उपस्थित होने वाले छात्र-छात्राओं को भुगतना पड़ता है। इससे न केवल उनका समय खराब होता है बल्कि मानसिक रूप से वे प्रताडि़त भी होते हैं।
भारत सरकार देती है अनुमति
जानकारों के अनुसार, जैमर लगाने के लिए भारत सरकार से अनुमति लेनी पड़ती है। जैमर लगने की वजह से कई बार परीक्षा केंद्र के आसपास के लोगों के मोबाइल भी काम नहीं करते। अगर क्वालिटी कंट्रोल परीक्षा में इसकी अनुमति 10-12 दिन पहले मिल जाती है तो जैमर का उपयोग करेंगे। जैमर लगाने वाली एजेंसी को जैमर लगाने के लिए भी पर्याप्त समय चाहिए होता है। यदि पीईबी परीक्षा केंद्रों में जैमर लगाना तय कर लेगा तो जैमर हैदराबाद से मंगवाए जाएंगे।

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