मंडला। गली-मोहल्लों में चल रहे छोटे-बड़े प्राइवेट स्कूलों ने अभिभावकों
से महंगी फीस वसूलकर ऊंची-ऊंची बिल्डिंग तो तान ली हैं, लेकिन उनमें पढ़ाने
के लिए शिक्षक मापदंडों के अनुरूप नहीं रखे। अधिकांश प्राइवेट (पहली से
आठवीं ) स्कूलों में पढ़ाने वाले शिक्षक अप्रशिक्षित हैं।